Abvm yuva samvad karykrm? Aam yuva kya chahta h ?

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा युवा मोर्चा एवं युवा महिला मोर्चा
जिला: सांचौर (राजस्थान)
कार्यालय: बिश्नोई धर्मशाला, सांचौर
(अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा (रजि.) मुक्तिधाम मुकाम से सम्बद्ध) कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कल दिनांक 8 दिसंबर 2024 को अधिक से अधिक संख्या में भागलेने लिए निमंत्रण दिए जा रहे हैं। भाग ले।

ये–यू

यूथ संवाद कार्यक्रम (महिला एवं पुरुष)

दिनांक: 08 दिसंबर 2024 (रविवार)
स्थान: बालिका छात्रावास, बी. ढाणी रोड, सांचौर
समय: प्रातः 10:00 बजे से

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा युवा मोर्चा एवं युवा महिला मोर्चा, जिला सभा सांचौर के संयुक्त तत्वावधान में समाज के युवाओं और महिलाओं को जागरूक और प्रेरित करने के लिए एक यूथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम के विचारणीय विषय

1. शिक्षा की भूमिका

समाज की प्रगति में शिक्षा, विशेष रूप से महिला शिक्षा का महत्त्व।

युवाओं की समाज सुधार में भूमिका।

 

2. कौशल विकास और आत्मनिर्भरता

युवाओं में सृजनात्मकता का विकास।

आत्मनिर्भर समाज निर्माण में कौशल विकास का योगदान।

 

3. समाज सुधार और बुराईयों पर रोक

नशामुक्ति, बाल विवाह, मृत्युभोज एवं फिजूलखर्ची पर रोकथाम।

गैर-जरूरी रीति-रिवाजों को खत्म करने में महिलाओं और युवाओं की जिम्मेदारी।

 

4. रोजगार में योगदान

युवाओं और महिलाओं को रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में अवसर प्रदान करना।

 

5. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सबदवाणी का महत्व

“सबदवाणी” के माध्यम से जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना।

 

6. सोशल मीडिया का सदुपयोग

सकारात्मक उद्देश्य से सोशल मीडिया का उपयोग करना।

 

7. CUET के माध्यम से करियर निर्माण

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देना।

 

 

महत्वपूर्ण बिंदु

वक्ताओं के विचारों को रिकॉर्ड किया जाएगा (ऑडियो और वीडियो) और महासभा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल ABBM SANCHORE पर प्रसारित किया जाएगा।

युवा अपने विचार लिखित रूप में भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

महिलाओं और युवाओं से कार्यक्रम में अधिकाधिक संख्या में शामिल होने की विनम्र अपील।

 

विशेष घोषणा

03 नवंबर 2024 को महासभा की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अफीम-डोडा की सार्वजनिक मनुहार नहीं करने वाले आयोजकों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया जाएगा

 

बिश्नोई समाज: युवाओं और महिलाओं के लिए समग्र विकास की राह

 

सोशल मीडिया: आधुनिक समय का प्रभावी उपयोग

 

वर्तमान युग में सोशल मीडिया ने संवाद, सूचना और जागरूकता का एक शक्तिशाली माध्यम प्रदान किया है। परंतु, इसका उपयोग सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से होना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लोग आलोचना, व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी, और पक्षपातपूर्ण व्यवहार में उलझ जाते हैं। यह स्थिति समाज के भीतर विभाजन का कारण बन सकती है।

 

यदि कोई ग्रुप एडमिन अपनी पसंद के अनुसार सदस्य को शामिल या हटाने का निर्णय करता है, तो यह समाज में असंतोष और अन्याय का संकेत है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे की बातों को सुनें, समझें और तटस्थ दृष्टिकोण अपनाएं। हर व्यक्ति का विचार महत्वपूर्ण है, और उसे समान मंच मिलना चाहिए।

 

नेतृत्व में पारदर्शिता और सहयोग की आवश्यकता

 

कुलदीप बिश्नोई और देवेंद्र बुढ़िया के नेतृत्व से जुड़ी घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि समाज में व्यक्तिगत हित और स्वार्थ की भावना का त्याग आवश्यक है। बिश्नोई समाज का हर व्यक्ति एक मूल्यवान संपत्ति है, जिसे दबाने के बजाय उसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

 

जब पप्पू राम जी को मंच से बोलने नहीं दिया गया, तो यह घटना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार थी। हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है, और यह अधिकार समाज को मजबूत बनाता है। ऐसी घटनाएं समाज में दरारें पैदा करती हैं और एकता के प्रयासों को कमजोर करती हैं।

 

शिक्षा और रोजगार में अवसरों का विस्तार

 

युवा शक्ति को सही दिशा में ले जाने के लिए शिक्षा और रोजगार महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। समाज के युवाओं को केवल पारंपरिक शिक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहिए। आईटीआई से लेकर आईआईटी, नर्सिंग से लेकर एम्स, और एलडीसी से लेकर यूपीएससी तक—हर क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

 

इसके साथ ही, महिला शिक्षा को प्राथमिकता देना अत्यावश्यक है। महिलाएं समाज की रीढ़ हैं, और उनकी प्रगति से पूरा समाज प्रगतिशील बनता है।

 

विचारणीय मुद्दे और समाज की जिम्मेदारी

 

1. नकारात्मकता पर रोकथाम: सोशल मीडिया पर आलोचनात्मक रवैये और पक्षपात से बचें।

 

 

2. समावेशी दृष्टिकोण: हर व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान मिले।

 

 

3. आत्मनिर्भरता: छोटे व्यापारों, तकनीकी कौशल, और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के जरिए आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दें।

 

 

4. वैज्ञानिक सोच का विकास: समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तार्किक सोच को बढ़ावा देना आवश्यक है।

 

 

 

युवाओं के लिए संदेश

 

बिश्नोई समाज के युवाओं और महिलाओं को यह समझना चाहिए कि व्यक्तिगत स्वार्थों और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। राजनीति, मीडिया, तकनीक, शिक्षा, और खेल जैसे हर क्षेत्र में युवाओं को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

 

समाज के लिए आह्वान

 

समाज में हर व्यक्ति की भूमिका अहम है। छोटे से छोटे योगदान का भी समाज के विकास में बड़ा प्रभाव होता है। इसलिए, हमें एक-दूसरे को समझने, सीखने और सुनने की आदत विकसित करनी चाहिए।

 

 

 

निष्कर्ष

 

बिश्नोई समाज की प्रगति के लिए एक समग्र दृष्टिकोण आवश्यक है। हर सदस्य को इस बात का ध्यान रखना होगा कि हम अपने व्यक्तिगत हितों को समाज के व्यापक हितों के नीचे रखें। नेतृत्व में पारदर्शिता, शिक्षा में विस्तार, और सोशल मीडिया का सकारात्मक उप

योग—ये सभी कदम समाज को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।

 

Leave a Comment