bus hadse me 12 logon ki mout. Kese huaa. Hadsa.
गोंदिया में बस हादसा: 12 की मौत, 16 से अधिक घायल
गोंदिया, महाराष्ट्र:
महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में शुक्रवार दोपहर हुए भीषण बस हादसे में 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई,।
जबकि 16 से अधिक यात्री घायल हो गए। इनमें से 10 यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसे का विवरण:
यह हादसा महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल की शिवशाही बस (MH 09 EM 1273) के साथ हुआ, जो भंडारा से गोंदिया आ रही थी।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बस तेज रफ्तार में थी और मोड़ पर नियंत्रण खो बैठी, जिसके कारण यह सड़क किनारे पलट गई।
घायलों का इलाज जारी:
घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घायलों को गोंदिया के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
गंभीर रूप से घायल 10 यात्रियों का इलाज जारी है और डॉक्टर उनकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं।
मृतकों के परिवारों में शोक:
इस हादसे ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
स्थानीय अधिकारियों ने मृतकों के परिवारों को सहायता राशि देने का आश्वासन दिया है।
सुरक्षा और जांच:
घटना की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है। यह जांच की जा रही है, कि क्या हादसे का कारण बस की तकनीकी खराबी थी या चालक की लापरवाही।
सरकार का बयान:
राज्य परिवहन मंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा के उपायों को और सख्त करेगा।
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने और सार्वजनिक परिवहन की बेहतर निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
जान है तो जान है यह बात लोगों को समझ में नहीं आ रही है।
इसलिए हर रोज हम देखते हैं एक्सीडेंट होते रहते हैं और लोगों की जिंदगियां चली जाती है।
जीवन अमूल्य है और इसकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है ,दुर्घटना में मानवीय भूल और जल्दबाजी प्रमुख कारण रहते हैं।
अमूल्य जिंदगियां खोने के बाद वापस नहीं मिलती. इसलिए जान है तो जहान है नहीं तो जीवन वीरान है।
छोड़ देते हैं दुख का दर्द, इसलिए अपने परिवार और बच्चों के लिए हमेशा धीरे चले और दूसरों को भी कॉर्पोरेट करें।
वैसे इस हादसे मैं एक मोटरसाइकिल को बचाने के चक्कर में बस का एक्सीडेंट हुआ।
तो देखने में आता है कि हमेशा बड़े वाहन छोटे वाहन को चपेट में लेते हैं।
लेकिन इस दुर्घटना में एक जान बचाने के लिए 12 जान चली गई और बहुत सारे डायलॉग है, लेकिन मानवता का मूल यही है।