सुशासन दिवस: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष का उत्सव
भारत के लोकतंत्र के आदर्श प्रतीक, पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी 25 दिसंबर, 2024, को उनकी प्रेरणादायक जीवन यात्रा और सुशासन के प्रति उनके समर्पण को समर्पित करने का एक विशेष अवसर है।
इस दिन को पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
सुशासन: एक अवधारणा
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सुशासन (गुड गवर्नेंस) का तात्पर्य है ऐसा प्रशासन जो पारदर्शी, जवाबदेह, सहभागी और न्यायसंगत हो। सुशासन का उद्देश्य नागरिकों को उनके अधिकार और सुविधाओं तक आसानी से पहुंचाना है।
यह शासन प्रणाली में नैतिकता, ईमानदारी और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देता है।
अटल बिहारी वाजपेयी और सुशासन
अटल बिहारी वाजपेयी जी का नाम भारत के लोकतंत्र और विकास में योगदान के लिए सदैव सम्मानपूर्वक लिया जाता है। उनका नेतृत्व दूरदर्शी, समावेशी और जनहितकारी था।
उन्होंने भारत को आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त बनाने के लिए कई सुधार किए।
उनके कार्यकाल के दौरान: हुए सुशासन काम
राष्ट्रीय राजमार्ग योजना जैसी परियोजनाएं शुरू हुईं, जो भारत की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करती हैं।
शिक्षा में सुधार के लिए कई नई योजनाओं का शुभारंभ हुआ।
प्रशासनिक जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता पर जोर दिया गया।
इन कार्यों ने उन्हें “सुशासन” के आदर्श नेता के रूप में स्थापित किया।
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सुशासन दिवस का उद्देश्य
अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचार और दृष्टिकोण को समझने और उनकी प्रेरणा से प्रशासनिक सुधार लाने के लिए सुशासन दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य है:
जनता और प्रशासन के बीच संवाद को मजबूत बनाना।
पारदर्शिता, जवाबदेही और उत्तरदायित्व के महत्व को रेखांकित करना।
देश के युवाओं को सुशासन के महत्व से परिचित कराना।
25 दिसंबर, 2024 को आयोजित होने वाले कार्यक्रम
राज्य मुख्यालय पर: सुशासन दिवस
1. अटल बिहारी वाजपेयी जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन।
2. निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में सुशासन रैली का आयोजन।
3. जनप्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा सुशासन की शपथ।
4. अटल विचार संगोष्ठी और उनकी कविताओं का पाठ।
5. 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक स्वच्छता सप्ताह का आयोजन।
ग्राम पंचायत और नगर निकाय
मुख्यालयों पर:
1. अटल सेवा केंद्रों में कार्यक्रम आयोजित करना।
2. स्वच्छता अभियान और जनभागीदारी पर जोर।
3. सुशासन रैली और प्रदर्शनियों का आयोजन।
वाजपेयी जी के विचारों की प्रासंगिकता: सुशासन दिवस को लेकर भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी के योगदान अविस्मरणीय है।
अटल जी की कविताओं, भाषणों और विचारों में “राष्ट्र” का एक मजबूत स्वरूप झलकता है। उन्होंने राजनीति में नैतिकता और उत्तरदायित्व का आदर्श प्रस्तुत किया। उनकी दूरदर्शिता और विकास की भावना आज भी प्रासंगिक है।
समाज को प्रेरित करने वाला दिवस
सुशासन दिवस अटल बिहारी वाजपेयी जी की अमर विरासत को नमन करने का अवसर है। यह न केवल एक स्मरणोत्सव है, बल्कि उनके विचारों और मूल्यों को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है।
25 दिसंबर का यह दिन हमें उनकी दूरदृष्टि, संघर्ष और सेवा के प्रति उनके समर्पण को याद दिलाता है।
इस दिन हम संकल्प लें कि हमउनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए भारत को एक सशक्त और
समृद्ध राष्ट्र बनाएंगे।
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