Internet ki kebal tut jaye to kya hota hai Jane

Internet ki kebal tut jaye to kya hota hai JaneInternet kebal इन sea

जब इंटरनेट केबल टूटती है: कैसे काम करती है और इसे कैसे ठीक किया जाता है?

 

आज के समय में इंटरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। इसका संचालन समुद्र तल पर बिछी हुई हजारों किलोमीटर लंबी अंडरसी केबल्स के माध्यम से होता है। ये केबल दुनियाभर के देशों को आपस में जोड़ती हैं। लेकिन जब इनमें से कोई केबल टूट जाती है, तो इसका असर व्यापक रूप से महसूस किया जा सकता है।

 

इंटरनेट कैसे काम करता है?

 

इंटरनेट का आधारभूत ढांचा अंडरसी फाइबर ऑप्टिक केबल्स पर आधारित है। ये केबल बेहद पतली कांच की तारों से बनी होती हैं, जो प्रकाश के माध्यम से डेटा को तेज गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाती हैं। इन केबल्स को समुद्र की गहराई में विशेष जहाजों द्वारा बिछाया जाता है और ये तटीय लैंडिंग स्टेशनों से जुड़ी होती हैं।

 

केबल टूटने के कारण

 

1. प्राकृतिक आपदाएं: भूकंप, समुद्री तूफान, या ज्वालामुखी विस्फोट से केबल क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।

 

 

2. मानवीय गतिविधियां: मछली पकड़ने वाले जाल, जहाजों की एंकर, या निर्माण कार्यों के दौरान केबल्स टूट सकती हैं।

 

 

3. समुद्री जीव: शार्क और अन्य समुद्री जीव कभी-कभी इन केबल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 

 

 

केबल टूटने पर क्या होता है?

 

1. स्पीड में गिरावट: इंटरनेट धीमा हो जाता है क्योंकि डेटा को वैकल्पिक मार्गों पर भेजा जाता है।

 

 

2. सेवाओं पर प्रभाव: प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं बाधित हो सकती हैं, खासकर जहां कम विकल्प मौजूद हैं।

 

 

3. डेटा रूटिंग: ट्रैफिक को सही दिशा में मोड़ने के लिए नेटवर्क ऑपरेटर्स तुरंत काम शुरू कर देते हैं।

 

 

 

केबल को कैसे ठीक किया जाता है?

 

1. रिपेयर शिप का उपयोग: टूटे हिस्से का पता लगाने के लिए खास जहाज भेजे जाते हैं।

 

 

2. समुद्र तल से केबल उठाना: समुद्र में विशेष उपकरणों का उपयोग करके केबल को ऊपर लाया जाता है।

 

 

3. मरम्मत और पुनर्स्थापना: केबल को जोड़ने या उसके टूटे हिस्से को बदलने के बाद इसे फिर से समुद्र में बिछाया जाता है।

 

 

 

इंटरनेट लैंडिंग स्टेशन और उनका महत्व

 

समुद्री केबल तटीय इलाकों पर बने लैंडिंग स्टेशनों से जुड़ती हैं। ये स्टेशन डेटा को लोकल नेटवर्क से कनेक्ट करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में मुंबई, चेन्नई, और कोच्चि प्रमुख लैंडिंग स्टेशन हैं।

 

प्रक्रिया का महत्व

 

इंटरनेट का यह अदृश्य ढांचा हमारे डिजिटल जीवन और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी जैसा है। इसकी मरम्मत सुनिश्चित करती है कि हमारा संचार और डेटा प्रवाह बाधित न हो।

 

निष्कर्ष

 

अंडरसी केबल्स का नेटवर्क आधुनिक इंटरनेट की नींव है। इनका टूटना चाहे अस्थायी समस्या हो, लेकिन इसे तुरंत ठीक करना बेहद जरूरी है। इस प्रक्रिया की जटिलता हमें यह एहसास दिलाती है कि हमारे डिजिट

ल युग का आधार कितना अद्भुत और तकनीकी रूप से उन्नत है।

यहां एक विश्व नक्शा दिखाया गया है, जिसमें समुद्र के भीतर फैला हुआ इंटरनेट केबल नेटवर्क दर्शाया गया है।

यह विभिन्न महाद्वीपों और प्रमुख तटीय लैंडिंग स्टेशनों को जोड़ने वाली लाइनों के माध्यम से समझाया गया है।

नक्शा प्रमुख शहरों और केबल मार्गों को साफ और आधुनिक इन्फोग्राफिक शैली में प्रदर्शित करता है।

 

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