जोधपुर: यातायात पुलिस के सख्त निर्देश और आमजन को राहत की उम्मीद
जोधपुर, 6 दिसंबर 2024:
जोधपुर शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया गया है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (यातायात) कार्यालय ने यातायात पुलिसकर्मियों को सख्त हिदायतें जारी की हैं, जिससे आमजन को राहत और पुलिस पर विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
यह आदेश खासकर उन शिकायतों के मद्देनजर जारी किया गया है, जिनमें पुलिसकर्मियों पर दबंगई और अनावश्यक परेशानियों का आरोप लगाया गया था।
यातायात पुलिस पर आरोप और आमजन की परेशानियां
अक्सर यह शिकायतें मिलती थीं कि पुलिसकर्मी वाहन चालकों को अनावश्यक रूप से रोकते हैं और कागजातों की जांच के नाम पर डराने-धमकाने का रवैया अपनाते हैं।
कई बार चालान काटने की प्रक्रिया को नियमों से ज्यादा डराने-धमकाने का माध्यम बनाया जाता था, जिससे वाहन चालकों को मानसिक तनाव झेलना पड़ता था।
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सख्त निर्देश: यातायात व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम
आदेश में निम्नलिखित सुधारों पर जोर दिया गया है:
1. ई-चालान डिवाइस का नियंत्रण केवल अधिकारियों के पास:
चालान प्रक्रिया केवल संबंधित अधिकारी द्वारा की जाएगी।
ई-चालान डिवाइस और डायरी किसी होमगार्ड या अन्य कर्मी को नहीं सौंपी जाएगी।
2. विशिष्ट मामलों पर ही चालान कार्रवाई:
शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों और मॉडिफाइड साइलेंसर का उपयोग करने वाले वाहनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मामूली मामलों में चालान से बचा जाएगा।
3. वाहनों को अनावश्यक रूप से रोकने पर प्रतिबंध:
राज्य या जिले के बाहर पंजीकृत वाहनों को बिना ठोस कारण के नहीं रोका जाएगा।
अस्पताल जाने वाले वाहनों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाया जाएगा।
4. सभ्य और मृदु व्यवहार का निर्देश:
यातायात पुलिसकर्मियों को आमजन के साथ सौम्य और सम्मानजनक व्यवहार करने की सख्त हिदायत दी गई है।
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आमजन के लिए राहत और पुलिस की छवि में सुधार
इस आदेश के बाद, उम्मीद की जा रही है कि वाहन चालकों को अनावश्यक परेशानियों से राहत मिलेगी।
इससे पुलिस और आमजन के बीच विश्वास का एक नया रिश्ता कायम हो सकेगा।
राजस्थान के अन्य शहरों के लिए एक आदर्श पहल
जोधपुर का यह कदम न केवल स्थानीय स्तर पर सराहनीय है, बल्कि यह अन्य शहरों और जिलों के लिए भी एक मिसाल पेश करता है।
यदि राजस्थान के अन्य जिलों में भी इसी तरह की सख्त और संवेदनशील नीति लागू की जाती है, तो यह आमजन की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी साबित होगी।
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कानूनी परिप्रेक्ष्य
कानून के अनुसार, पुलिस का उद्देश्य न केवल यातायात नियमों को लागू करना है, बल्कि जनता को जागरूक और सुरक्षित रखना भी है।
ऐसे में यह पहल यातायात पुलिस के मानवता और कर्तव्य-निष्ठा की ओर बढ़ने का संकेत देती है।
निष्कर्ष:
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (यातायात) के इस कदम को जोधपुरवासियों ने खुले दिल से सराहा है।
यह न केवल आमजन की परेशानियों को कम करेगा, बल्कि यातायात पुलिस की छवि को भी सकारात्मक बनाएगा।
राजस्थान के अन्य शहरों में भी इसी प्रकार के सुधारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि संपूर्ण राज्य में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके।