Samrathal foundation ki bishnoi samaj me bethak sangdva me
समराथल फाउंडेशन: बिश्नोई समाज में शिक्षा की क्रांति की ओर अग्रसर
“शिक्षा का दीप जलाकर, भविष्य को संवारने की पहल”
बिश्नोई समाज अपनी 500 साल पुरानी परंपराओं और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अटूट समर्पण के लिए जाना जाता है।
इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, समाज ने एक और ऐतिहासिक पहल की है।
समराथल फाउंडेशन, जो आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक सहयोग का प्रतीक बन चुका है, अब एक नए मिशन पर काम कर रहा है।
सांगड़वा गांव से शुरू हुई नई मुहिम
सांगड़वा गांव के प्रबुद्ध बिश्नोई समाज ने 17 नवंबर को समराथल फाउंडेशन सोसाइटी के आह्वान पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
जिसमें समराथल फाउंडेशन सोसाइटी के अध्यक्ष एडीएम श्री ओमप्रकाश बिश्नोई ने बतया था, कि फाउंडेशन सोसाइटी का लक्ष्य है, की हर घर तक पहुंचे और जरूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध कर सके।
इस मिशन में समाज के प्रत्येक परिवार से
सहयोग की अपील की।
इस संगोष्ठी मेंआह्वन किया कि, समाज का हर व्यक्ति अपना तन मन धन से सहयोग करें।
समय का दान ,विद्या ओर भौतिक संसाधनों की उपलब्धता के लिए कीमती धन का दान करें।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि समाज सेवा में
लग रहे सहयोग का समुचित जगह पर उपयोग किया जाएगा और पूर्ण पारदर्शिता का पालन करते हए जरूरतमंद बच्चों की आर्थिक सहयोग के सथ-साथ, उन सुविधा सपन्न परिवार के बच्चों बारे में समराथल फाउंडेशन की एक सोच हैं ।
जिसमें समराथल फाउंडेशन सोसाइटी सदन में उन बच्चों के भी रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी , ताकि उनका मार्गदर्शन हो सके।
समाज के हर घर से शिक्षा मंदिर को आर्थिक अनुदान देने का प्रस्ताव पारित किया गया।
इस निर्णय का उद्देश्य समाज के प्रतिभावान और जरूरतमंद विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अवसर प्रदान करना है।
समराथल फाउंडेशन, जो अब तक 100 से अधिक गरीब विद्यार्थियों को डॉक्टर और इंजीनियर बनने में मदद कर चुका है,
इस प्रयास के माध्यम से समाज में शिक्षा की नई रोशनी फैला रहा है।
एम्स दिल्ली और आईआईटी रुड़की जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पहुंचने वाले ये विद्यार्थी समाज की शक्ति और संगठन की सफलता का उदाहरण हैं।
25 करोड़ की लागत से समराथल सदन का निर्माण
समराथल फाउंडेशन ने जोधपुर में 25 करोड़ की लागत से “समराथल सदन” निर्माण का कार्य प्रारंभ किया है।
यह सदन सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक ऐसा केंद्र होगा जहां से जरूरतमंद विद्यार्थियों को मार्गदर्शन, कोचिंग, और रहने-खाने की सुविधाएं मिलेंगी।
यह प्रयास पूरे राजस्थान में बिश्नोई समाज की आर्थिक और सामाजिक भागीदारी से संचालित हो रहा है।
मासिक चेतना शिविर: विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत
समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों और शिक्षाविदों ने निर्णय लिया है कि हर महीने एक दिन “चेतना शिविर” का आयोजन किया जाएगा।
इन शिविरों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ विद्यार्थियों को शैक्षिक और सामाजिक उन्नति के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
यह पहल विद्यार्थियों को प्रेरित करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
शिक्षा क्रांति के योद्धाओं का आह्वान
समराथल फाउंडेशन के पीछे कार्यरत योद्धा न केवल अपनी मेहनत से समाज के भविष्य को संवार रहे हैं,।
बल्कि बिश्नोई समाज के लिए एक मिसाल पेश कर रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए समाज के हर वर्ग का योगदान आवश्यक है।
आज सांगड़वा गांव से शुरू हुई यह मुहिम आने वाले समय में पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगी।
ऐसे प्रयास न केवल समाज को विकसित करेंगे, बल्कि देश को भी आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएंगे।
समाज से अपील
यह समय है कि हम सब बिश्नोई समाज के इस प्रयास में भागीदार बनें। शिक्षा के मंदिर में दिए गए हमारे छोटे-छोटे योगदान समाज की उन्नति के लिए बड़े बदलाव ला सकते हैं।
आइए, समराथल फाउंडेशन के योद्धाओं का समर्थन करें और शिक्षा क्रांति को आगे बढ़ाएं।
“जब शिक्षा के दीप जलेंगे, तब समाज प्रगति करेगा।”
समराथल फाउंडेशन के इस प्रयास को हमारी पूरी ऊर्जा, समर्पण और सहयोग की आवश्यकता है। आ
इए, मिलकर एक नया अध्याय लिखें।