Sansad parisar me jhadap :Fir lodge against Rahul Gandhi
संसद परिसर में हुई घटना: विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच झड़प, FIR दर्ज की मांग
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024
भारतीय लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन में आज एक अप्रिय घटना घटित हुई, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और एनडीए सांसदों के बीच तीखी झड़प हो गई।
इस घटना ने देशभर में राजनीति का माहौल गरमा दिया है और सवाल उठाए हैं कि ऐसी घटनाएं लोकतंत्र के भविष्य के लिए क्या संकेत देती हैं।
परिसर में हुई झड़प, सता पक्ष और विपक्ष के बीच FIR दर्ज की गई FIR राहुल गांधी के खिलाफ।
आज सुबह 10:00 बजे, संसद भवन के मकर द्वार के सामने एनडीए के सांसद शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।
यह प्रदर्शन विपक्षी दलों, खासतौर पर कांग्रेस द्वारा फैलाए गए कथित “भ्रामक प्रचार” के खिलाफ था।
प्रदर्शन में वडोदरा से सांसद हेमांग जोशी, मुकुल राजपूत, प्रताप राव सारंगी सहित कई वरिष्ठ सांसद उपस्थित थे।
करीब 10:40 से 10:45 बजे के बीच, राहुल गांधी अपने सहयोगियों के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संसद सुरक्षा अधिकारियों द्वारा उन्हें वैकल्पिक मार्ग से प्रवेश करने का सुझाव दिया गया,
लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया और प्रदर्शनकारियों के बीच से निकलने का प्रयास किया
झड़प और धक्का-मुक्की, संसद परिसर में सांसदो में भीड़ भाड़ के दोरान झड़प हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी ने अपने सहयोगियों को प्रदर्शनकारियों की ओर बढ़ने के लिए उकसाया।
इससे एनडीए सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
इस झड़प के दौरान सांसद मुकुल राजपूत और प्रताप राव सारंगी गंभीर रूप से घायल हो गए।
मुकुल राजपूत के सिर में गंभीर चोट आई, जबकि प्रताप राव सारंगी के माथे पर गहरी चोट लगी।
डॉ. ब्यारेड्डी सबारी, जो एक सांसद और पेशेवर डॉक्टर हैं, ने तुरंत घायल सांसदों को प्राथमिक उपचार दिया।
आरोप और कानूनी मांग, संसद में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
वडोदरा के सांसद हेमांग जोशी ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर प्रदर्शनकारियों को नुकसान पहुंचाने की नीयत से यह कदम उठाया। उनके खिलाफ निम्नलिखित धाराओं के तहत FIR दर्ज करने की मांग की गई है:
धारा 109: हत्या के प्रयास के लिए उकसाने का प्रयास
धारा 115: जानबूझकर चोट पहुंचाना
धारा 117: गंभीर चोट पहुंचाना
धारा 125: जीवन और व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना
धारा 131 और 351: आपराधिक बल का उपयोग और धमकी देना
साथ ही, उन्होंने घटना की जांच और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
राजनीतिक प्रभाव और लोकतंत्र पर सवाल संसद में हुई घटना के बारे में
इस घटना ने भारतीय लोकतंत्र की मर्यादा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संसद जैसे पवित्र स्थल पर इस प्रकार की हिंसा और धक्का-मुक्की न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह लोकतंत्र के मूल्यों के लिए भी खतरा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं राजनीतिक कटुता को और गहरा करेंगी और आम जनता के बीच नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचाएंगी।
भविष्य के संकेत संसद में झड़प
इस घटना से यह संकेत मिलता है कि भारत की राजनीति में आपसी संवाद और सहिष्णुता का स्थान घट रहा है।
यदि इन घटनाओं पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।
संसद की घटना का निष्कर्ष
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संसद में हुई इस घटना ने न केवल राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि भारतीय लोकतंत्र की गरिमा और सहिष्णुता को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
अब यह देखना होगा कि सरकार और संसद इन मुद्दों का समाधान कैसे करती हैं।