Jodhpur ke prkhyat dr rajiv gahlot ka asamyik nidhn dukhdayi
जड़िया बूंटी जे जग जीवै, तो वेदा क्यूं मर जाही। इस पंक्ति का मूल भाव यह है कि यदि जड़ी-बूटियों और औषधियों में जीवन बचाने या दुख हरने की शक्ति होती, तो वेद और वैद्य (जो इनका ज्ञान रखते हैं) खुद मृत्यु को प्राप्त क्यों होते या दुखी क्यों होते। इसका उद्देश्य यह संकेत … Read more