सांचौर जिला बहाली के लिए अनिश्चितकालीन धरना: संघर्ष समिति का नेतृत्व
सांचौर जिले की जनता ने वर्तमान सरकार द्वारा सांचौर जिले को निरस्त कर पुनः जालौर जिले में मिलाने के निर्णय के विरोध में एकजुट होकर आंदोलन की शुरुआत की है।
इस विरोध का नेतृत्व सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति कर रही है। समिति ने एक विस्तृत नियमावली बनाकर धरने का संचालन सुनिश्चित किया है।
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सांचौर जिला बचाओ धरने में जनता का विरोध और संघर्ष समिति का गठन
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सरकार के फैसले के खिलाफ सांचौर की जनता में भारी आक्रोश है।
इस निर्णय को न केवल सांचौर के विकास के खिलाफ बताया जा रहा है, बल्कि इसे जनता की भावनाओं की अनदेखी भी कहा जा रहा है।
जिला बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में यह अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है, जिसमें मुख्य भूमिका सांचौर बार एसोसिएशन और व्यापार महासंघ की है।
सांचौर जिला बचाओ धरने की रूपरेखा और नियमावली
धरना सुबह 11 बजे शुरू होकर दोपहर 2 बजे तक चलता है। इसके बाद, जनसमस्याओं का समाधान विभागीय अधिकारियों से संपर्क करके किया जाता है। यदि समाधान नहीं होता, तो संबंधित कार्यालय के सामने धरना दिया जाएगा। महत्वपूर्ण राजकीय अवकाश और त्योहारों जैसे दीपावली, होली, और गोगा नवमी पर धरना स्थगित रहेगा। 15 अगस्त और 26 जनवरी पर झंडारोहण धरना स्थल पर ही होगा।
सांचौर जिले को निरस्त करने पर धरने में महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं और संचालन की प्रक्रिया
समिति के नाम से बैंक खाता: प्रचार-प्रसार, कोर्ट में याचिका दायर करने, और विधानसभा घेराव जैसे कार्यों के लिए धनराशि का प्रबंधन समिति अध्यक्ष भीमाराम चौधरी, व्यापार महासंघ अध्यक्ष हरिश पुरोहित, और प्रधान प्रतिनिधि हिंदुसिंह दृठया की सहमति से किया जाएगा।
समूह और संचार व्यवस्था: धरणार्थियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है।
मासिक महापड़ाव: धरने की मजबूती के लिए हर माह के अंत में एक महापड़ाव का आयोजन किया जाएगा।
जिला बचाओ संघर्ष समिति जन जागरूकता अभियान
धरने के दौरान प्रत्येक गांव में सामूहिक पैदल मार्च और रात्री चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। इससे आंदोलन को जमीनी स्तर पर समर्थन मिल रहा है।
नेतृत्व की स्थिरता
धरने की अगुवाई पूर्व मंत्री सुखराम विश्नोई कर रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में विभिन्न पदाधिकारी क्रमवार तरीके से धरने का प्रभार संभालते हैं।
जिला बचाओ धरने में संघर्ष और समर्थन
यह धरना लंबी अवधि तक चलने की योजना के साथ शुरू किया गया है।
जनता ने आवश्यक सामग्री, जैसे टेंट और दरी की व्यवस्था कर ली है।
बार एसोसिएशन के वकील और व्यापार महासंघ के सदस्य धरने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
“Rajasthan Cabinet’s Key Decisions for Governance and Welfare”
निष्कर्ष
सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले यह आंदोलन सरकार के निर्णय को वापस लेने तक जारी रहेगा। जनता का दृढ़ संकल्प और संघर्ष समिति का अनुशासित संचालन इस विरोध प्रदर्शन को मजबूती प्रदान कर रहा है।
सरकार से जनता की मांग है कि सांचौर को पुनः जिला घोषित किया जाए।
“Sanchore District Cancellation: Analysis & Impacts”
इस आंदोलन ने न केवल सांचौर के लोगों को एकजुट किया है, बल्कि यह सरकार के लिए जनता कीआवाज़ सुनने का एक मजबूत संदेश भी है।
TM