“India-Kuwait Ties: Strengthening Strategic and Democratic Bonds”

Kuvet yatra

भारत-कुवैत यात्रा: लोकतांत्रिक मूल्यों से रणनीतिक साझेदारी तक भारत, अपनी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ, हर देश के साथ समान व्यवहार में विश्वास रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया कुवैत यात्रा इसी आदर्श का परिचायक है। एक ओर भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश ने अपने कूटनीतिक और आर्थिक हितों को साधने की … Read more

India,USA and vietnam :Quad and global mentorship effect

भारत, अमेरिका, और वियतनाम: क्वाड और वैश्विक मेंटरशिप का प्रभावhttp://Usa भारत, अमेरिका और वियतनाम के बीच मजबूत होते संबंध वैश्विक राजनीति और व्यापार में एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर रहे हैं। यह साझेदारी न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्वाड (QUAD) जैसी बहुपक्षीय पहल के … Read more

PM Receives Kuwait’s Top Honor ‘The Order of Mubarak Al-Kabeer’

प्रधानमंत्री मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ “PM Modi Meets Kuwaiti Emir, Attends Arabian Gulf Cup Opening”   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुवैत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से नवाजा गया है। यह सम्मान न केवल उनकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है, … Read more

“PM Modi Meets Kuwaiti Emir, Attends Arabian Gulf Cup Opening”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत के अमीर से मुलाकात, गल्फ कप टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में हुए शामिल Click here कुवैत सिटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कुवैत का दौरा किया, जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पिछले 43 वर्षों में पहला दौरा था। पीएम मोदी ने 26वें अरबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में … Read more

Israel’s Control Over Mount Hermon: big movement in middle east

Israel’s Control Over Mount Hermon: big movement in middle east हरमन माउंट पर इजरायल का कब्जा: ऐतिहासिक और भविष्य के परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण   परिचय हरमन माउंट (Mount Hermon) पर इजरायल का कब्जा मध्य पूर्व में एक भू-राजनीतिक बदलाव का प्रतीक है। मध्य पूर्व में इस घटना के दूरगामी प्रभाव न केवल क्षेत्रीय विवादों को … Read more

Indias foreign policy neighborhood first contemporary of China

Indias foreign policy neighborhood first contemporary of China

Indias foreign policy neighborhood first contemporary of China   भारत-चीन संबंध: प्रतिस्पर्धा एवं सामंजस्य की दोहरी रणनीति   भारत और चीन, एशिया के दो सबसे बड़े देश और वैश्विक शक्तियां, ऐतिहासिक, आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से एक-दूसरे के महत्वपूर्ण प्रतिद्वंद्वी हैं। इन दोनों देशों के बीच संबंध जटिल रहे हैं, जहां एक ओर आर्थिक सहयोग … Read more

Vijay Divas : bharatiya sena ka parakram or gourav ka prateek

विजय दिवस: भारतीय सेना के पराक्रम और गौरव का प्रतीक प्रस्तावना हर वर्ष 16 दिसंबर को भारत विजय दिवस के रूप में मनाता है। यह दिन न केवल भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक है, बल्कि यह मानवता, कूटनीति और नेतृत्व के साहसिक गुणों का भी उदाहरण है। 1971 में भारतीय सेना की अप्रतिम रणनीति … Read more

Prdhanmantri Narendra modiji tin tin deshon ki yatra ka mahtv

Prdhanmantri Narendra modiji ki tin deshon ki yatra ka mahtv भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की तीन देशों की यात्रा का महत्व।   नरेंद्र मोदी की ब्राज़ील, नाइजीरिया और गुयाना यात्रा: एक नया दृष्टिकोण- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की अंतरराष्ट्रीय यात्राओं ने भारत की वैश्विक भूमिका को नई दिशा दी है। ब्राज़ील, … Read more

Is india change international balance power?

Is india change international balance power? क्या भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय संबंधों में शक्ति संतुलन बनाने में महत्वपूर्ण है? 

यह प्रश्न अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विश्लेषकों में मुख्य  बना हुआ। क्या शक्ति संतुलन बदलने के लिए  भारत स्वयं अपनी भूमिका का निर्वहन अपने राष्ट्र निर्माण के निहित स्वार्थ को लेकर आगे बढ़ रहा है,।

क्या भारत का राजनीतिक ऑर्डर इस हेतु अपने देश की नीतियों को राष्ट्रहित में लागू कर रहे हैं।

इस प्रकार के प्रश्न आप देख सकते हैं।

 

*आज जिस प्रकार से विश्व व्यवस्था का ढांचा और शक्ति संतुलन का माहौल बनाया जा रहा है,  उसमें हर देश अपने-अपने देश  को स्थापित करना चाहता है

*यह बात हर देश के आवाम को, राजनेताओं को एवं वहां की सरकारों को भी मालूम है,।

सरकार वादा करके आती हैं कि हम देश के हितों के साथ कदापि समझौते नहीं करेंगे.।

लेकिन क्या सचमुच में ऐसा है तो इसका उत्तर ढूंढने के लिए हमें एशियाई देशों के शासन व्यवस्था एवं सरकारों को बनाने, गिरने एवं सुशासन स्थापित करने के बहाने, कभी लोकतंत्र को लागू करने, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, वैश्विक शक्ति संतुलन में निहित अंतर संबंधों की गड़बड़ी के कारण सरकार बदलने का खेल खेला जा रहा…।

“जबकि लगता ऐसा है कि जनता ने शासन को बदला है., बड़े-बड़े देश, शासन व्यवस्था एवं मूल्यों को दूसरे, कम विकसित देश पर, थोपने के प्रयास करते हैं।

 *उसमें सफल भी रहते हैं।

हम  भारत के अंतरराष्ट्रीय रिश्तों के परिपेक्ष में बात करना चाहते हैं।

आपको बताना चाहता हूं कि जिस प्रकार से geopolitics अपने बदलाव को परिलक्षित करता है।

इस संदर्भ में भारत के भी हित प्रभावित होते रहते हैं। 

हमने एशियाई देशों को अपनी सरकार  बदलते हुए देखा है,।

जब किसी देश द्वारा अपने देश के हित में फैसला लेने हेतु, दूसरे शक्ति संपन्न देश से समझौते के प्रयास किए जाते हैं,

उस दौरान उन संबंधों को प्रभावित करने का प्रयास विश्व की सबसे बड़ी शक्तिशाली सरकार अपने पक्ष में उस देश के के फेसले करवाती है।

जो नेता लोग उनकी बात को नहीं मानते, सरकारों द्वारा या जेल भेज दिया जाता है या निर्वासित कर दिया जाता है।

आप भारत के बारे में क्या सोच रखते हैं,?

 

*विकास शील अर्थव्यवस्था. , अपने मूल्यों की रक्षा करते हुए शक्ति संपन्न देशों से बराबर के संबंध बनाने के  प्रयास किए जा रहे,

*लेकिन कुछ देशों को यह बात  हजम नहीं हो रही है।

 

लेकिन भारत के बुद्धिजीवियों ने इस बात पर मंथन किया कि, देश को आजाद हुए सतहत्तर वर्ष बीतने के बाद,

*हमारे देश की अर्थव्यवस्था के साथ, व्यापार, सामरिक महत्व एवं अन्य देशों के निहित स्वार्थ को परस्पर समझना होगा…।

हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्य, देश की विविधता, देश की विविध सांस्कृतिक एवं राजनीतिक विकास अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में, भारत का नवनिर्माण जिस तरह से हो रहा है, उसे कोई भी देश नजरअंदाज करने की गलती नहीं करेगा।

*क्योंकि  वैश्विक शक्ति संतुलन में बहुत बदलाव देखने को मिल रहा हैं।

विश्व बहु ध्रुवीय विश्व व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।

*आज का विश्व एक झोपड़ी के नीचे सिमटा है, तो दूसरी तरफ इस झोपड़ी में अलग-अलग जगह पर बैठे लोग आपस में तालमेल से, पारस्परिक अंतर निर्भरता एवं सामाजिक मूल्यों को देखकर निर्णय लेता है।

उस व्यवस्था में हर कोई देश अपना निर्णय अपने स्वतंत्र विचारों, मूल्य एवं साथियों की रक्षा करते हुए ले सकता है।

*जिस तरह से आज भारत, अमेरिका, चीन, रूस, इजरायल, ईरान, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया एवं अनेक पड़ोसी देश के साथ राजनीतिक रिश्ते, व्यापारिक रिश्ते बनाए जा रहे हैं वह अपने आप में एक नए विश्व शक्ति संतुलन को जन्म देता है…।

आज भारत को चीन का डर दिखाकर या फिर पड़ोसी देशों की स्थिरता, को मुद्दा बनाकर भारत में  अशांति  फैलाने  के बहाने से किसी भी खेमे में शामिल होने के लिए दबाव नहीं मनवाया जा सकता।

* वर्तमान विश्व में यूक्रेन रसिया युद्ध, इजरायल हमास युद्ध, इजरायल ईरान युद्ध, इसराइल लेबनान एवं तथाकथित इस्लामी आतंकवाद के नाम पर विश्व में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है.।

* इस स्थिति में भारत के ऊपर दबाव बनाने के प्रयास किया जा रहे हैं, कनाडा ने अपने इलाके में भारत विरोधी खालिस्तान आतंकियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खुली सूट दे रखी है,

* दूसरी तरफ वर्तमान में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के पश्चात माहौल कुछ बदला बदला सा लग रहा है…।

*जो देश बड़ी चाटुकारिता के साथ फाइव आईज के नाम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ढिंढोरा पीटते थे, वही देश यूरोपीय देश एलन मस्क के ट्विटर अकाउंट पर बैन लगाने की बात कर रहे हैं, वही चीन की विस्तारवादी नीति,  भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के माहौल और अन्य आसियान देश सार्क देशों की राजनीतिक स्थिति से भारत को डराया जा रहा है।

*लेकिन भारत के साथ में ब्रिक्स देशों, आसियान, सार्क, इजरायल, यूक्रेन, अमेरिका और फ्रांस के संबंधों ने भारत की राजनीतिक परिपक्वता को परिलक्षित किया है…।

*  आज बहु ध्रुवीय विश्व शक्ति व्यवस्था में भारत की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण बन गई है…।

*आज पूरे विश्व के शक्ति संपन्न देशों की नजर भारत के राजनीतिक निर्णय के ऊपर टिकी रहती है.।

जहां पर चीन भारत के साथ मित्रता बना रहा है और सीमा रेखा के विवाद को यथा स्थिति में बनाए रखकर आश्वस्त करना चाहता है कि, भारत को चीन से डरने की आवश्यकता नहीं है।

*वहीं दूसरी तरफ रूस के ऊपर लगाई जा रहे आरोपों से रसिया ने उत्तरी कोरिया से गठबंधन करके चीन की गोद में बैठने का तमगा हटा दिया है।

*और ब्रिक्स बैठक के बाद भारत के बारे में राष्ट्रपति पुतिन जो बयान दिए उनके दीर्घकाली महत्व को रेखांकित करते हैं. ।

वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ट्रंप ने भारत और हिंदू हिंदुस्तान के प्रति अपने प्रेम को जाहिर किया।

  • जैसे

कनाडा के टुडे जैसे अवसरवादी राजनीतिज्ञ को आइना दिखाया वही एलन मस्क के ट्विटर हैंडल को बैन करने की बात कर यूरोपीय देश भी अपनी दोगली चाल को छिपा नहीं सके।

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