Kya teacher ko BLO pad par prtiniyukt karna uchit hai? क्या टीचर को बीएलओ पद पर प्रतिनियुक्त करना उचित है?
शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाना अनुचित-
*शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाना: शिक्षा व्यवस्था पर अनुचित प्रभाव।
बूथ लेवल अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान क्या है?
भारत में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए चुनाव आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की नियुक्ति का प्रावधान किया है।
हालांकि, इस प्रक्रिया में राजस्थान सहित कई राज्यों में शिक्षकों को बड़े पैमाने पर BLO के रूप में नियुक्त किया जा रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि देश में पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है।
1. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) और शिक्षकों की कमी
आरटीई एक्ट 2009 के तहत छात्रों और शिक्षकों के अनुपात (30:1) को बनाए रखना अनिवार्य है। इस अधिनियम का उद्देश्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। लेकिन जब शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों, जैसे BLO की जिम्मेदारी, दी जाती है, तो यह सीधे तौर पर शिक्षा के स्तर और शिक्षकों की उपलब्धता को प्रभावित करता है।
शिक्षकों की भूमिका: एक शिक्षक का प्राथमिक कार्य छात्रों को शिक्षा प्रदान करना और उनके शैक्षिक विकास में मदद करना है।
*BLO के रूप में कार्य के अलावा शिक्षकों के पास अन्य बहुत सारे काम करने होते हैं। जैसे एमडीएम, शाला दर्पण, ऑनलाइन DISE, का काम, प्रवेश उत्सव, सांस्कृतिक गतिविधियां, खेल, राष्ट्रीय कार्य, जनगणना, आपदा, पशु गणना एवं चुनाव कराने का काम मुख्य हैं।
*कमी का प्रभाव: शिक्षकों को स्कूलों से दूर रखने से कक्षाएं खाली रह जाती हैं, जिससे शिक्षा का स्तर गिरता है, और छात्रों का भविष्य प्रभावित होता है।
2. BLO के रूप में शिक्षकों की नियुक्ति का प्रभाव
BLO की जिम्मेदारी आमतौर पर मतदाता सूची को अपडेट करना, नए मतदाताओं का पंजीकरण करना, और बूथ स्तर पर अन्य प्रशासनिक कार्य करना है। हालांकि, यह कार्य अत्यधिक समय लेने वाला और जटिल है।
समय का नुकसान: BLO के रूप में कार्य करते हुए, शिक्षक शैक्षणिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते।
गुणवत्ता में गिरावट: शिक्षकों की अनुपस्थिति से छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है।
मनोवैज्ञानिक दबाव: शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में असहज महसूस करते हैं।
3. आरटीई एक्ट और गैर-शैक्षणिक कार्यों पर प्रतिबंध
आरटीई एक्ट के तहत शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाने पर रोक है। इसके बावजूद, BLO के रूप में उनकी नियुक्ति इस अधिनियम का उल्लंघन है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (धारा 27) स्पष्ट रूप से कहता है कि शिक्षकों को केवल जनगणना, चुनाव कार्य, या आपदा प्रबंधन जैसी असाधारण परिस्थितियों में ही गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा सकता है।
4. समाधान: BLO में शिक्षकों की जगह अन्य विकल्प
अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति: BLO के कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन, पंचायत कर्मियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, या अन्य सरकारी कर्मियों को नियुक्त किया जा सकता है।
स्वतंत्र BLO टीम: चुनाव आयोग को BLO के लिए एक अलग स्वतंत्र टीम बनाने पर विचार करना चाहिए।
डिजिटलीकरण: मतदाता सूची अपडेट करने और अन्य कार्यों के लिए डिजिटल टूल्स का उपयोग कर प्रशासनिक भार कम किया जा सकता है।
शिक्षा को प्राथमिकता: शिक्षकों को उनके मूल कार्य, यानी शिक्षण, पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देना चाहिए।
शिक्षकों को BLO से मुक्त करने के उपाय.
यदि शिक्षकों को गैर-शैक्षिक कार्यों, जैसे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) का काम, से छुटकारा दिलाना है, तो इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं ताकि उनका ध्यान शिक्षण कार्य पर केंद्रित रहे और चुनाव कार्य में भी कोई बाधा न आए। कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:
1. विशेष कार्यकारी कर्मचारियों की नियुक्ति: चुनाव संबंधी कार्यों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सकती है, जो BLO के कार्यों को संभालें। ये कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया से जुड़े सभी कार्यों में माहिर होंगे, और शिक्षकों पर दबाव कम होगा।
2. आधिकारिक कार्यों का विभाजन: चुनाव कार्यों को शिक्षकों से हटाकर प्रशासनिक अधिकारियों या स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को सौंपा जा सकता है। इससे शिक्षकों का मुख्य कार्य यानी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित रहेगा, और चुनावों के लिए अलग से संसाधन उपलब्ध होंगे।
3. टेक्नोलॉजी का उपयोग: चुनाव से जुड़े कार्यों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया जा सकता है। ऑनलाइन मतदान, मतदाता सूची में बदलाव, और अन्य चुनावी कार्यों के लिए तकनीकी समाधान लागू किए जा सकते हैं। इससे शिक्षकों को फिजिकल कार्यों से मुक्त किया जा सकेगा।
4. नियमित प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ: ब्लॉक स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को समय-समय पर चुनाव कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जा सकता है, ताकि वे बिना किसी अतिरिक्त सहायता के कार्यों को सही तरीके से संभाल सकें।
5. अंतरिम नियुक्तियां और अस्थायी कर्मचारी: चुनावों के दौरान अस्थायी कर्मचारियों या स्वयंसेवकों की नियुक्ति की जा सकती है, जो BLO के कार्यों को संभालें। इस व्यवस्था से शिक्षकों को चुनाव कार्यों से मुक्त किया जा सकेगा और वे अपने मुख्य शैक्षिक कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
6. राज्य सरकार और चुनाव आयोग की साझेदारी: राज्य सरकार और चुनाव आयोग के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे चुनाव कार्यों में कर्मचारियों की उचित योजना बनाई जा सके और शिक्षकों की शैक्षिक जिम्मेदारियों में कोई हस्तक्षेप न हो।
इन उपायों से चुनाव कार्यों के प्रभाव को कम किया जा सकता है और शिक्षकों को उनके मुख्य कार्य में ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षा का स्तर बेहतर हो सकेगा।
5. निष्कर्ष
शिक्षा देश के विकास की रीढ़ है, और शिक्षकों की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण है। शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में लगाना शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करता है और आरटीई एक्ट के उद्देश्यों को बाधित करता है। BLO के रूप में शिक्षकों की नियुक्ति की बजाय, अन्य विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए ताकि शिक्षा का ढांचा मजबूत रहे और छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो।
यह विषय प्रशासन और नीति निर्माताओं के लिए विचारणीय है। शिक्षकों को उनके शैक्षिक कार्यों में पूरी स्वतंत्रता और समर्पण के साथ काम करने का अवसर प्रदान करना , देश के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
Bilkul sahi hai iske liye permanent niyukti honi chahiy ya he kary kisi agency ke dwara bhi ho sakta hai