“India’s New Education Rules 2024: Major Amendments Explained”

भारत में शिक्षा सुधार: 2024 का नया संशोधित अध्यादेशEducation reform in 2024

भारत में शिक्षा सुधारों की प्रक्रिया लगातार जारी है। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act) भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक मील का पत्थर था। इसके बाद 2010 में इसके नियम लागू किए गए और समय-समय पर इनमें संशोधन होते रहे। अंतिम संशोधन 2017 में हुआ था। अब, 2024 में, शिक्षा मंत्रालय ने इस अधिनियम में बड़े बदलाव किए हैं।

 

शिक्षा नीति संशोधन2024 का अध्यादेश

 

16 दिसंबर 2024 को जारी यह संशोधन पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में परीक्षा और छात्रों को रोकने के प्रावधान पर केंद्रित है। इसे “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024” कहा गया।

मुख्य बिंदु:

1. परीक्षा प्रावधान:

प्रत्येक वर्ष के अंत में पांचवीं और आठवीं में परीक्षा।

असफल छात्रों को दो महीने में पुनः परीक्षा का अवसर।

पुनः असफल होने पर छात्र को रोकने का प्रावधान।

2. मार्गदर्शन और सहायता:

शिक्षकों द्वारा छात्रों और अभिभावकों का मार्गदर्शन।

अधिगम अंतराल की पहचान कर विशेषज्ञीय सहायता

3. सक्षमता आधारित मूल्यांकन:

परीक्षा में याद करने की बजाय सक्षमता का आकलन।

4. विद्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी:

रोके गए छात्रों की निगरानी और प्रगति का मूल्यांकन।

5. निष्कासन पर प्रतिबंध:

प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने से पहले छात्रों को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।

भविष्य की दृष्टि: में नई शिक्षा को लेकर अध्यादेश2024 का महत्व

नई शिक्षा नीति (NEP 2020) केClick here अनुसार, शिक्षा प्रणाली को सक्षमता आधारित बनाने पर जोर दिया गया है। यह संशोधन NEP के उद्देश्यों के अनुरूप है। भविष्य में:प्ररंभिक शिक्षा में व्यक्तिगत सीखने पर जोर।

डिजिटल और व्यावहारिक शिक्षा का समावेश।

छात्रों को वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करना।

निष्कर्ष

यह संशोधन भारतीय शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी और सशक्त बनाने का प्रयास है। छात्रों के विकास

और शिक्षकों की भूमिका में सुधार से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।

भारत में शिक्षा का नया अध्यादेश: शिक्षा मंत्रालय ने जारी किए संशोधित नियम

 

नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2024 – शिक्षा मंत्रालय ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत महत्वपूर्ण संशोधन जारी किए हैं। यह अधिसूचना 16 दिसंबर 2024 को प्रकाशित हुई और इसके तहत पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में नियमित परीक्षा एवं छात्रों को रोकने के नए प्रावधान शामिल किए गए हैं।

 

संशोधन के मुख्य बिंदु:

 

1. नियमों का नाम और प्रभाव:

इस संशोधन का नाम “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024” रखा गया है, जो राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

 

 

2. परीक्षा और रोकने के प्रावधान:

 

प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी।

 

परीक्षा में असफल छात्रों को दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा।

 

अगर छात्र पुनः परीक्षा में भी असफल रहता है, तो उसे संबंधित कक्षा में रोक दिया जाएगा।

 

 

 

3. विशेषज्ञ मार्गदर्शन और समर्थन:

 

शिक्षकों को रोक दिए गए छात्रों और उनके अभिभावकों को उचित मार्गदर्शन देना होगा।

 

छात्रों के अधिगम अंतरालों की पहचान कर, उन्हें विशेषज्ञीय सहायता प्रदान की जाएगी।

 

 

 

4. विद्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी:

 

स्कूल प्रमुख रोके गए छात्रों की सूची तैयार करेंगे और उनकी प्रगति की व्यक्तिगत निगरानी करेंगे।

 

 

 

5. सक्षमता आधारित परीक्षा:

 

परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की सक्षमता का मूल्यांकन करना होगा, न कि केवल रटने या प्रक्रियात्मक कौशल पर जोर देना।

 

 

 

6. स्कूल से निष्कासन पर प्रतिबंध:

 

किसी भी छात्र को प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने से पहले स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा।

 

 

 

 

महत्व:

यह संशोधन शिक्षा के स्तर को बढ़ाने और छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। सक्षमता-आधारित परीक्षाओं और विशेषज्ञीय मार्गदर्शन से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

 

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह कदम छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार और शिक्षा प्रणाली मेंअधिक प्रभावशीलता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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