“National Voters Day: History, Significance, Events”
राष्ट्रीय मतदाता दिवस: महत्व, इतिहास और कार्यक्रमों की संपूर्ण जानकारी
परिचय
“National Voters Day: History, Significance, Events”
राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters’ Day) भारत में हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है।
यह दिन भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य युवा मतदाताओं को जागरूक करना और उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का इतिहास
“National Voters Day: History, Significance, Events”
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत 2011 में हुई थी।
उस समय सरकार को यह महसूस हुआ कि 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा मतदाता मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
कुछ मामलों में यह आंकड़ा 20-25% तक कम था।
इस समस्या को हल करने के लिए कानून मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, और 25 जनवरी 2011 को पहला राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया गया।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का उद्देश्य
“National Voters Day: History, Significance, Events”
1. नए मतदाताओं को पंजीकरण के लिए प्रेरित करना
2. लोकतंत्र में भागीदारी को बढ़ावा देना
3. मतदान के प्रति जागरूकता फैलाना
4. नागरिकों को सशक्त बनाना
5. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025: कार्यक्रम और आयोजन
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2025 पर विभिन्न स्तरों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें शामिल हैं:
1. मतदाता जागरूकता अभियान
देशभर में रैलियों, सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है।
कॉलेजों और स्कूलों में युवाओं को मतदान के महत्व के बारे में बताया जाता है।
डिजिटल माध्यमों जैसे सोशल मीडिया, टीवी और रेडियो पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
2. नए मतदाताओं को सम्मानित किया जाना
जो युवा 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, उन्हें इस दिन मतदाता पहचान पत्र (EPIC – Electoral Photo Identity Card) प्रदान किया जाता है।
इन नए मतदाताओं को “मतदाता होने पर गर्व है – मतदान के लिए तैयार” (Proud to be a voter – Ready to vote) लिखे बैज दिए जाते हैं।
3. राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण
भारत निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रियाओं में उत्कृष्टता और नवाचार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है। ये पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिए जाते हैं:
चुनाव मशीनरी
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सरकारी विभाग, एजेंसियां और सार्वजनिक उपक्रम (PSUs)
गैर-सरकारी संगठन (NGOs) और नागरिक समाज संगठन (CSOs)
मीडिया संस्थान
4. समावेशी मतदान को बढ़ावा
हर नागरिक को मतदान में शामिल करने के लिए “कोई मतदाता पीछे न छूटे” (No Voter to be Left Behind) का नारा दिया गया है।
विकलांग मतदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
राजस्थान में राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विशेष आयोजन
राजस्थान में भी राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
1. राज्य और जिला स्तर पर मतदाता जागरूकता अभियान
2. नए मतदाताओं को सम्मानित करने के लिए विशेष समारोह
3. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) का प्रदर्शन
4. स्कूलों और कॉलेजों में वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और निबंध लेखन कार्यक्रम
5. विकलांग मतदाताओं और बुजुर्ग नागरिकों के लिए विशेष सुविधाएं,
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का महत्व।
1. लोकतंत्र को मजबूत करता है – यह दिवस नागरिकों को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करता है।
2. नए मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाता है – युवाओं को मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाता है।
3. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करता है – यह मतदाता सूची को अद्यतन करने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करता है।
4. समावेशी मतदान को बढ़ावा देता है – यह सुनिश्चित करता है कि हर पात्र नागरिक मतदान में भाग ले सके।
निष्कर्ष
“National Voters Day: History, Significance, Events
राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारतीय लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक बनाना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को बढ़ाना है।
प्रत्येक वर्ष इस दिन को विभिन्न कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से मनाया जाता है, ताकि “कोई मतदाता पीछे न छूटे” का लक्ष्य पूरा किया जा सके।
यदिआप 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, तो अपना मतदाता पहचान पत्र बनवाएं और लोकतंत्र को सशक्त बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
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