“PM Modi in Kuwait After 43 Years: A New Chapter in India-Kuwait “
43 वर्षों बाद पीएम मोदी की कुवैत यात्रा: भारतीय-कुवैती संबंधों का नया अध्याय.
कुवैत सिटी, 21 दिसंबर 2024
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 43 वर्षों के बाद कुवैत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल है। इससे पहले, 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। पीएम मोदी के आगमन पर कुवैत में उनका भव्य स्वागत किया गया, जिसमें वहां के शीर्ष नेतृत्व और भारतीय प्रवासी समुदाय ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
ग्रांड वेलकम
प्रधानमंत्री मोदी के कुवैत पहुंचने पर प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहाद यूसुफ सऊद अल-सबा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके साथ ही, प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों ने भी अपनी उपस्थिति से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। पीएम मोदी ने कहा,
> “भारतीय प्रवासी समुदाय की ऊर्जा, प्रेम और भारत के प्रति अटूट जुड़ाव वास्तव में प्रेरणादायक है।”Click here
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने कुवैत में रह रहे भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
महत्वपूर्ण मुलाकातें
1. अब्दुल्ला अल-बैरन और अब्दुल लतीफ अल-नसेफ से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के दो खास व्यक्तियों, अब्दुल्ला अल-बैरन और अब्दुल लतीफ अल-नसेफ से मुलाकात की।
इनका योगदान: इन्होंने भारत के ऐतिहासिक महाकाव्य रामायण और महाभारत का अरबी भाषा में अनुवाद किया है।
प्रधानमंत्री की सराहना: पीएम मोदी ने कहा,
> “यह कार्य केवल अनुवाद नहीं है, बल्कि भारतीय और अरब संस्कृतियों के बीच एक सेतु है। यह अरब दुनिया में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है।”
प्रधानमंत्री ने इन दोनों महाकाव्यों के अरबी संस्करणों पर अपने हस्ताक्षर भी किए।
2. मंगल सेन हांडा से मुलाकात
प्रधानमंत्री ने कुवैत में भारतीय विदेश सेवा के 101 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी मंगल सेन हांडा से भी मुलाकात की।
हांडा का योगदान: उन्होंने भारत और कुवैत के राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा,
> “मंगल सेन हांडा जी से मिलकर मुझे बेहद खुशी हुई। उनके जुनून और योगदान के प्रति मैं आभारी हूं।”
द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार
1. आर्थिक सहयोग
भारत और कुवैत के बीच गहरे व्यापारिक संबंध हैं।
कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है और देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का 3% भाग पूरा करता है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत-कुवैत द्विपक्षीय व्यापार $10.47 बिलियन तक पहुंच गया।
प्रधानमंत्री की यात्रा ने ऊर्जा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त किया।
2. सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध
प्रधानमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। कुवैत में भारतीय स्कूलों और सांस्कृतिक केंद्रों की उपस्थिति को और सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई।
भारतीय प्रवासी समुदाय का योगदानClick here
कुवैत में भारतीय प्रवासी समुदाय सबसे बड़ा है, जो कुवैत की अर्थव्यवस्था और समाज में महत्वपूर्ण योगदान देता है। पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें भारत के “ब्रांड एंबेसडर” कहा।
समापन और आगे का रास्ता
प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को नई दिशा दी है। उनकी यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच न केवल आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
> “यह यात्रा भारत और कुवैत के ऐतिहासिक संबंधों को गहरा करने और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को साझा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”