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राजस्थान सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं की सीमाओं में किया बदलाव, जानिए पूरी प्रक्रिया

 

जयपुर, 13 फरवरी 2025 – राजस्थान सरकार ने पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 101 के तहत पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के पुनर्गठन के लिए नई सीमाएं निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इस फैसले के तहत आम जनता और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों के आधार पर व्यवहारिक प्रारूप तैयार किए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला?

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राजस्थान सरकार समय-समय पर पंचायतों और जिला परिषदों की सीमाओं में बदलाव करती रही है, ताकि प्रशासनिक सुगमता सुनिश्चित की जा सके। इसी क्रम में 2024 में सरकार ने आम जनता और जनप्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए थे।

अब सरकार ने इन सुझावों का मूल्यांकन कर प्रस्तावित सीमाओं में बदलाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने का निर्णय लिया है।

पुनर्गठन प्रक्रिया का चरणबद्ध विवरण

इस पूरी प्रक्रिया को कई चरणों में विभाजित किया गया है ताकि सभी हितधारकों को अपनी राय व्यक्त करने का अवसर मिले और अंतिम निर्णय जनहित में लिया जा सके।

1. प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार करना (20 जनवरी – 25 मार्च 2025):

पंचायत समितियों और जिला परिषदों के लिए प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।

यह कार्य पंचायत राज अधिनियम 1994 की धारा 101 के तहत किया जाएगा।

2. प्रस्तावों का प्रकाशन और आपत्तियां आमंत्रित करना (26 मार्च – 25 अप्रैल 2025):

प्रस्तावों को आधिकारिक रूप से प्रकाशित किया जाएगा।

जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे।

3. आपत्तियों का निपटारा (26 अप्रैल – 5 मई 2025):

प्राप्त आपत्तियों और सुझावों की समीक्षा की जाएगी।

किसी भी विवादित बिंदु का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

4. अंतिम प्रस्ताव तैयार कर पंचायती राज विभाग को सौंपना (6 मई – 15 मई 2025):

संशोधित प्रस्तावों को अंतिम रूप देकर पंचायती राज विभाग को भेजा जाएगा।

5. राज्य सरकार की मंजूरी और अंतिम अधिसूचना जारी करना (16 मई – 30 मई 2025):

सरकार अंतिम अनुमोदन प्रदान करेगी।

नई सीमाओं की अधिसूचना जारी की जाएगी।

क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?

जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण के चलते पंचायतों की मौजूदा सीमाएं प्रशासनिक रूप से प्रभावी नहीं रह गई थीं।

प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता बढ़ाने के लिए यह जरूरी था।

ग्राम पंचायतों और जिला परिषदों के पुनर्गठन से विकास योजनाओं को सही ढंग से लागू किया जा सकेगा।

किसे होगी सबसे ज्यादा राहत?

इस पुनर्गठन से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक लाभ होगा। नई पंचायतों और पंचायत समितियों के गठन से सरकारी योजनाएं तेजी से लागू होंगी और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही बढ़ेगी। Or

क्या कह रहे हैं अधिकारी?

राजस्थान सरकार के शासन सचिव एवं आयुक्त डॉ. जोगा राम ने बताया कि, “यह निर्णय व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकार ने जनता और जनप्रतिनिधियों के सुझावों को प्राथमिकता दी है ताकि प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।”

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आगे क्या होगा?

राज्य सरकार इस प्रक्रिया को पारदर्शिता से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी हितधारकों से सुझाव लेकर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जिन पंचायतों की सीमाएं बदलने वाली हैं, वहां के निवासियों को सूचित किया जाएगा, ताकि वे अपनी राय और आपत्तियां दर्ज करा सकें।

निष्कर्ष

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राजस्थान सरकार द्वारा पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की सीमाओं में किया गया यह परिवर्तन राज्य के प्रशासनिक तंत्र को और मजबूत बनाएगा। इससे न केवल ग्रामीण विकास को गति मिलेगी बल्कि जनता की समस्याओं का समाधान भी तेजी से किया जा सकेगा। यदि आप इस प्रक्रिया से प्रभावित हैं, तो संबंधित जिला प्रशासन से संपर्क कर अपनी आपत्तियां और सुझाव दर्ज करवा सकते हैं।

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