Steps towards UPSC exam guide.यूपीएससी की तैयारी के लिए संपूर्ण गाइडेंस: कब शुरू करें और कैसे सब्जेक्ट्स और स्ट्रीम चुनें?
“Steps Towards UPSC: New Learnings, New Directions”
यूपीएससी (Union Public Service Commission) परीक्षा, भारत की सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है।
UPSC exam पास करने के लिए न केवल अनुशासन और मेहनत की आवश्यकता होती है, बल्कि सही समय पर सही योजना और मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण है।
यहां हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि यूपीएससी की तैयारी कब और कैसे शुरू करें, 11वीं-12वीं में कौन से विषय चुनें, और ग्रेजुएशन के लिए सही स्ट्रीम क्या होनी चाहिए।
1. यूपीएससी परीक्षा की प्रकृति और आवश्यकताएं
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में होती है:
1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims): वस्तुनिष्ठ (MCQs) प्रश्न जो सामान्य ज्ञान और करंट अफेयर्स पर आधारित होते हैं।
2. मुख्य परीक्षा (Mains): वर्णनात्मक परीक्षा जिसमें विभिन्न विषयों पर गहराई से निबंध लिखने और विश्लेषणात्मक क्षमता का परीक्षण किया जाता है।
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3. साक्षात्कार (Interview): अभ्यर्थी के व्यक्तित्व, तर्क और संवाद कौशल का आकलन।
यूपीएससी परीक्षा का सिलेबस व्यापक है, जिसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र, पर्यावरण, विज्ञान और करंट अफेयर्स जैसे विषय शामिल हैं।
2. यूपीएससी की तैयारी कब शुरू करें?
स्कूल लेवल (11वीं-12वीं):
सही विषय चुनें:
ह्युमैनिटीज (Arts): यदि आपका मुख्य लक्ष्य यूपीएससी है, तो इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र जैसे विषय चुनना बेहद फायदेमंद होगा। ये विषय यूपीएससी सिलेबस का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
विज्ञान (Science): यदि आप आईआईटी/नीट की तैयारी कर रहे हैं, तो फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/मैथ्स चुन सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान दें कि यूपीएससी की तैयारी के लिए बाद में ह्युमैनिटीज का ज्ञान आवश्यक होगा।
कॉमर्स: यदि आपका रुझान व्यापार और वित्तीय प्रबंधन में है, तो आप कॉमर्स ले सकते हैं। इसमें अर्थशास्त्र और अकाउंटेंसी जैसे विषय आपको यूपीएससी के लिए मदद करेंगे।
करंट अफेयर्स पर ध्यान दें: स्कूल के दौरान अखबार पढ़ने और सामान्य ज्ञान को मजबूत करने की आदत डालें।
ग्रेजुएशन (UG):Steps towards UPSC exam guide.
सही स्ट्रीम चुनें:
ह्युमैनिटीज और सोशल साइंसेज: राजनीति विज्ञान, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र जैसे विषय यूपीएससी सिलेबस के साथ मेल खाते हैं। यह विकल्प सबसे उपयुक्त है।
साइंस और इंजीनियरिंग: अगर आपने 11वीं-12वीं में विज्ञान विषय लिया है, तो आप विज्ञान में ग्रेजुएशन कर सकते हैं और बाद में यूपीएससी की तैयारी के लिए स्विच कर सकते हैं। हालांकि, यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
कॉमर्स: अर्थशास्त्र और प्रबंधन में रुचि रखने वालों के लिए यह विकल्प भी प्रभावी है।
ऑप्शनल सब्जेक्ट पर फोकस: ग्रेजुएशन में ऐसा विषय चुनें जिसे आप यूपीएससी में ऑप्शनल विषय के रूप में ले सकें। उदाहरण: इतिहास, समाजशास्त्र, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, या भूगोल।
3. आईआईटी, नीट और क्लैट की भूमिका:Steps towards UPSC exam guide.
आईआईटी और नीट:
ये परीक्षाएं मुख्यतः तकनीकी और वैज्ञानिक करियर के लिए होती हैं। यदि आपका लक्ष्य चिकित्सा (नीट) या इंजीनियरिंग (आईआईटी) है, तो यह यूपीएससी से अलग करियर विकल्प है।
हालांकि, नीट/आईआईटी के बाद भी आप यूपीएससी की तैयारी कर सकते हैं, लेकिन इसमें थोड़ा समय अधिक लग सकता है।
क्लैट (CLAT):
क्लैट लॉ की पढ़ाई के लिए है, और लॉ का ज्ञान यूपीएससी के लिए सहायक हो सकता है, खासकर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और संविधान के विषयों में।
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4. तैयारी की रणनीति:।Steps towards UPSC exam guide.
11वीं-12वीं के दौरान:
सिलेबस का बेस बनाएं: एनसीईआरटी की किताबें पढ़ना शुरू करें, खासकर इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र की।
सामान्य ज्ञान बढ़ाएं: अखबार (द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस) पढ़ें और महत्वपूर्ण समाचारों की नोट्स बनाएं।
प्रतियोगी परीक्षाओं का माहौल समझें: इस स्तर पर यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग आवश्यक नहीं है, लेकिन बुनियादी ज्ञान बढ़ाना चाहिए।
ग्रेजुएशन के दौरान:।upsc की तैयारी
सिलेबस का गहन अध्ययन करें: यूपीएससी के सिलेबस को ध्यान में रखते हुए ग्रेजुएशन के दौरान पढ़ाई करें।
टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट: ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष से ही मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस पेपर हल करना शुरू करें।।
ऑप्शनल सब्जेक्ट पर विशेष ध्यान: अपने ग्रेजुएशन के विषय को ऑप्शनल के रूप में यूपीएससी के लिए मजबूत बनाएं।
5. कौन-सी स्ट्रीम से पढ़ाई बेहतर है?
ह्युमैनिटीज: यदि आपका बचपन से ही लक्ष्य यूपीएससी है, तो ह्युमैनिटीज सबसे उपयुक्त विकल्प है।
साइंस/इंजीनियरिंग/मेडिकल: यदि आपने साइंस या इंजीनियरिंग में रुचि के कारण इसे चुना है, तो भी यूपीएससी की तैयारी के लिए बाद में ह्युमैनिटीज विषयों को कवर करना संभव है।
कॉमर्स: अर्थशास्त्र और बिजनेस के छात्र भी यूपीएससी में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
6. यूपीएससी के लिए अनुशंसित समय:
यदि संभव हो, तो 11वीं से ही बुनियादी ज्ञान (एनसीईआरटी और करंट अफेयर्स) पर ध्यान देना शुरू करें।
ग्रेजुएशन के दौरान गहन तैयारी शुरू करें और अंतिम वर्ष में प्रीलिम्स और मेंस की तैयारी पर ध्यान दें।
यदि आपने ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की है, तो 1-2 साल की फोकस्ड तैयारी की योजना बनाएं।
निष्कर्ष:Steps towards UPSC exam guide.
यूपीएससी की तैयारी एक दीर्घकालिक प्रक्रिया है, जो सही योजना, समर्पण और निरंतरता की मांग करती है।
यदि आप 11वीं-12वीं से यूपीएससी की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो ह्युमैनिटीज विषय चुनना बेहतर है।
ग्रेजुएशन के लिए, वही स्ट्रीम चुनें जो आपके यूपीएससी ऑप्शनल विषय से मेल खाए।
आईआईटी/नीट जैसे करियर विकल्पों के बाद यूपीएससी की तैयारी चुनौतीपूर्ण लेकिन संभव है।
यूपीएससी की सफलता आपके अनुशासन, समय प्रबंधन और सही दृष्टिकोण पर निर्भर करती है।
TM
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