उत्कर्ष कोचिंग में छात्रों की बेहोशी: जांच में लापरवाही और प्रशासनिक थ्योरी पर सवाल
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जयपुर के प्रतिष्ठित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में छात्रों के बेहोश होने की घटना ने पूरे शहर को हिला दिया है। नगर निगम और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की जांच अभी भी जारी है, लेकिन अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचा गया है।
मामले में कई थ्योरी सामने आई हैं, जिनमें किचन के धुएं से लेकर किसी अनजान स्प्रे के उपयोग तक की संभावनाओं को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
घटना का विवरण:
पिछले दिन उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में पढ़ाई के दौरान कई छात्र-छात्राएं अचानक बेहोश हो गए।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, क्लासरूम में गटर की दुर्गंध आने की बात कही गई थी।
महेश नगर थाना प्रभारी कविता शर्मा ने भी यह बयान दिया कि कोचिंग सेंटर के ऊपर स्थित किचन से धुआं क्लास तक पहुंचा होगा, जिससे दम घुटने जैसी स्थिति बनी और बच्चे बेहोश हो गए।
कई छात्रों ने दावा किया कि जिस हॉल में वे पढ़ाई कर रहे थे, वहां केवल एक ही एग्जिट गेट था।
इस कारण जब समस्या पैदा हुई, तो बाहर निकलने में दिक्कतें आईं। नगर निगम की टीम अभी यह भी स्पष्ट नहीं कर पाई है कि हॉल में प्रवेश और निकास के कितने गेट हैं।
नगर निगम की जांच और थ्योरी:
घटना के बाद जयपुर नगर निगम की टीम ने उत्कर्ष कोचिंग सेंटर की इमारत को सीज कर दिया है।
निगम अधिकारी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कोचिंग में किन नियमों की अवहेलना की गई थी।
एनडीटीवी से बातचीत में नगर निगम के उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा ने कहा कि यह संभव है कि किसी छात्र ने क्लासरूम में स्प्रे छिड़का हो, जिसकी वजह से सभी बेहोश हो गए।
हालांकि, इस थ्योरी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि नगर निगम अभी तक यह साबित नहीं कर पाया है कि कोचिंग में वेंटिलेशन और सुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन हो रहा था या नहीं।
दूसरी ओर, फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीम ने मौके का निरीक्षण किया और गैस या धुएं की जांच के लिए नमूने लिए। एफएसएल टीम ने फिलहाल इस पर कोई बयान नहीं दिया है कि कौन-सी गैस बच्चों की बेहोशी का कारण बनी।
कविता शर्मा और वायरल बयान:
घटना के बाद महेश नगर थाना इंचार्ज कविता शर्मा का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने किचन में तड़के से उठे धुएं को घटना की वजह बताया। उनके अनुसार, कोचिंग सेंटर के ऊपर बने किचन में खाना बनाने के दौरान निकले धुएं ने छात्रों की हालत खराब कर दी।
यह बयान भी विवाद का विषय बना हुआ है, क्योंकि अन्य अधिकारी गटर की दुर्गंध और स्प्रे थ्योरी को प्रमुख कारण मान रहे हैं।
लापरवाही के आरोप:
यह घटना जयपुर के प्रमुख कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा और नियम पालन को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
छात्रों ने शिकायत की कि हॉल में पर्याप्त निकासी व्यवस्था नहीं थी। इसके अलावा, नगर निगम की टीम ने यह पाया कि कोचिंग सेंटर के संचालन के दौरान जरूरी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था।
इससे पहले भी जयपुर के बड़े कोचिंग संस्थानों पर ऐसी लापरवाहियों के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस घटना ने प्रशासन और संस्थानों की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
आगे की कार्रवाई:
नगर निगम ने बिल्डिंग सीज कर दी है और जांच पूरी होने तक इसे बंद रखने का आदेश दिया है।
एफएसएल की टीम गैस की पहचान करने में जुटी हुई है, जबकि नगर निगम यह तय करने की कोशिश कर रहा है कि क्या स्प्रे वाली थ्योरी या गटर गैस की बात सच हो सकती है।
इस घटना ने जयपुर में छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है।
निष्कर्ष:
उत्कर्ष कोचिंग सेंटर की यह घटना लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा लगती है।
प्रशासन को इस बात की जांच करनी होगी कि कोचिंग सेंटर ने नियमों का पालन किया था या नहीं।
इसके साथ ही, सभी शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी इमारतें छात्रों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हों।
यह मामला केवल छात्रों की सुरक्षा का नहीं, बल्कि शहर की बढ़ती कोचिंग संस्कृति में जिम्मेदारी और नियमों के पालन की सख्ती की भी मांग करता है।