“Jaipur Gas Tanker Blast: Tragedy Strikes Lakecity Travels Bus”
जयपुर-भांकरोटा गैस टैंकर ब्लास्ट के कारण लेकसिटी बस हादसे के चपेट में आ गई।
Jaipur bhankrota me CNG tanker blast 7death and 35 injuredगैस टैंकर ब्लास्ट: एक दर्दनाक त्रासदी और चेतावनी
घटना टैंकर में भरी गैस की वजह से ब्लास्ट होने के कारण भयावहता से अधिक संख्या में लोगों को नुकसान पहुंचा।
शुक्रवार सुबह जयपुर-भांकरोटा क्षेत्र में एक भीषण हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया।
यह हादसा तब हुआ जब अजमेर से जयपुर आ रहा एक एलपीजी टैंकर डीपीएस स्कूल के पास यू-टर्न ले रहा था।
तभी जयपुर से आ रहे एक ट्रक ने टैंकर के नोजल को टक्कर मार दी।
इस टक्कर के कारण टैंकर से 18 टन गैस का रिसाव हुआ, जिसने कुछ ही सेकंड में एक 200 मीटर चौड़ा गैस चैंबर बनाया।
इसके तुरंत बाद एक जोरदार विस्फोट हुआ, जिसने आसपास के क्षेत्र को खौफनाक मंजर में बदल दिया।
हादसे की भयावहता
इस धमाके से 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 35 से अधिक लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
टैंकर के टकर से विस्फोट इतना भयानक था कि सड़क पर खड़ी 25 से ज्यादा गाड़ियां और आसपास के कई वाहन आग की लपटों में आ गए।
भांकरोटा के स्थानीय निवासी और राहगीर आग से बचने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए।
कुछ लोगों ने जलते हुए अपने कपड़े उतारने की कोशिश की, लेकिन आग की भीषणता के सामने वे असहाय साबित हुए।
“लापरवाही की आग है, जीवन की यह हार।
सुरक्षा ही है मंत्र अब, बचाएगा संसार।
लेकसिटी ट्रैवल्स की बस टैंकर ब्लास्ट हादसे का शिकार
भांकरोटा त्रासदी एलक्सीडेंट में उदयपुर से जयपुर आ रही लेकसिटी ट्रैवल्स की बस भी चपेट में आ गई।
बस ने गुरुवार रात 9 बजे अपनी यात्रा शुरू की थी और शुक्रवार सुबह 6:30 बजे जयपुर पहुंचने वाली थी।
लेकिन 5:45 बजे, भांकरोटा के पास, इसने भीषण आग की लपटों का सामना किया।
लेक सिटी बस टैंकर हादसे की चपेट में आने की वजह से भयंकर जन हानी।
स्लीपर बस सुबह के समय एक्सीडेंट की शिकार के कारण भयावहता
बस का मुख्य दरवाजा लॉक: आग लगते ही मुख्य दरवाजा लॉक हो गया, जिससे यात्री अंदर फंस गए।
ड्राइवर की मौत: बस के ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई।
झुलसे यात्री: कई यात्री बुरी तरह से झुलस गए। कुछ ने खिड़की तोड़कर बाहर कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन तब तक कई लोग आग की चपेट में आ चुके थे।
घायलों की स्थिति
शोएब: “मेरे भाई ने बस से कूदकर जान बचाई, लेकिन उसके दोनों हाथ और पैर बुरी तरह झुलस गए।”
रमेश और उनकी पत्नी: आग की चपेट में आने से उनका चेहरा और शरीर बुरी तरह झुलस गया।
सोमेश: “मैंने खिड़की से कूदकर जान बचाई, लेकिन मेरे पैर जल गए। अंदर चीख-पुकार का मंजर था।”जयपुर: अजमेर रोड पर आज सुबह दिल दहला देनेवाला हादसा हुआ। जिसमें अब तक 7 लोगों के मौत होने की जानकारी सामने आ रही है। इसके अलावा 40 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी है। दर्दनाक हादसे के बाद भजनलाल सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। इधर प्रशासन की ओर से घायलों की लिस्ट जारी की गई है।
जिसमें घायलों के नामः
गोविंद नारायण (33), संदीप (30), बनवारी लाल (32), शाहिद (34), अशोक पारीक (35), वंजीता (23), राधेश्याम चौधरी (32), लाला राम (28), सहाबुद्दीन (35), नरेश (36), अमर (42), हरलाल (29), शिवा (32), राजू राज (40), गीता (23), शैलेन्द्र (35), लोकेश कुमार (18), शबनम (24), फिजन (20), राजू लाल जाट (34), बबलू गुर्जर (21), कपिल (24), सुरेन्द्र (50), महेन्द्र (42), सुनील (20), अशोक (35), जगदीश रैगर (30), सौमराज मीना (28), युसूफ (45), लीला (45), लक्ष्मण (37), विजेन्द्र (36) और निर्मला (68) बताए गए है। इन घायलों का अस्पताल में उपचार जारी है। जयपुर, उदयपुर, दौसा, भरतपुर, राजसमंद समेत कई शहरों के लोग घायल हुए है।
सीएम का दौरा और बचाव अभियान।
ब्लास्ट में आग की वजह से जान माल के ज्यादा नुकसान का कारण बनी, इससे बचाव अभियान में मुख्यमंत्री का जाना संवेदनशील और सहायता प्रदान करने में तत्परता से काम होगा।
घटना की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। बचाव दल ने आग पर काबू पाने और झुलसे लोगों को अस्पताल पहुंचाने का काम किया। गेल इंडिया की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि टैंकर के पास की कच्चे तेल की पाइपलाइन सुरक्षित रहे।
हाइवे पर ज्वलन शील पदार्थ से भरे वाहन से हुए हादसे से सीखे जाने वाले सबक:
1. वाहनों में आपातकालीन निकास की आवश्यकता: बस में आपातकालीन दरवाजा न होने के कारण कई लोगों की जान गई।
2. सुरक्षा नियमों का पालन: टैंकर और ट्रक चालकों की लापरवाही ने इस घटना को और भयावह बना दिया।
3. आग से बचाव के उपाय: यात्रियों और वाहन चालकों को आग से बचने के प्राथमिक सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
समाज के लिए संदेश
यह हादसा एक कड़वी सच्चाई को उजागर करता है कि छोटी सी लापरवाही कितने बड़े हादसे का कारण बन सकती है। हर व्यक्ति को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और वाहन निर्माताओं को सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
“जान है तो जहान है” के संदेश को आत्मसात करना और जिम्मेदारी से जीवन जीना ही इस त्रासदी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
जान है तो जहान है।
बड़े वाहन चालक को हर 100km के बाद जांच की जावे।
कम से कम ज्वलनशील और भारी रिस्क के वाहन चालक को प्रशिक्षित किया जावे।
टीम tm