Akhil bhartiy bishnoi mahasbha ki aapatkalin bethak sampan

Akhil bhartiy bishnoi mahasbha ki aapatkalin bethak sampan. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की आपातकालीन बैठक आज मुकाम में संपन्न हुई।

अखिल भारतीय बिश्नोई समाज की बैठक आज दिन में 2:00 बजे शुरू हुई और शाम को 6:00 बजे संपन्न हुई।

आपातकालीन बैठक में, पूरे देश से बिश्नोई समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

लोगों का उत्साह देखते ही बनता था

कल देवेंद्र बुढ़िया ने जोधपुर में बैठक का आयोजन कर दिनांक 13 नवंबर को मुक्ति धाम मुकाम में महासभा की आपातकालीन बैठक बुलाई।

समाज की  बैठक में मुख्य बात सरंक्षक कुलदीप बिश्नोई और अध्यक्ष के बीच चल रही खींचतान से उपजा विवाद था। Akhil bhartiy bishnoi mahasbha ki aapatkalin bethak sampan लेकिन मुख्य मुद्दा कुलदीप बिश्नोई द्वारा जारी पत्र एवं नए अध्यक्ष की नियुक्ति का था।

कोरोना काल के बाद बिश्नोई महासभा की आम बैठक का नजारा आज लोकतांत्रिक रूप से देखने को मिला।

समाज के युवाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। संतो के सानिध्य में, समाज के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में, सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए।

जो निर्णय लिए गए उसकी मांग काफी समय से उठ रही थी।

  1. पूर्व का घटनाक्रम आप सब लगातार सोशल मीडिया में सुन रहे हैं।। कल की पोस्ट में जो जो प्रश्न मेरी पोस्ट में उठाए गए थे, उन सारे प्रश्नों को   आज उठाया गया।।

देवेंद्र बुढ़िया के साथ में जो व्यवहार घटित हुआ, उसके बारे में भी समाज सब कुछ जानता है, उसकी आज खुले मंच से निंदा की गई और निंदा प्रस्ताव पारित किए गए।।

आज बिश्नोई महासभा की बैठक में मुख्य एजेंडा क्या था?

मुख्य रूप से अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी गठन के चुनाव, अगले 1 वर्ष की समय सीमा में संपन्न हो।

इस समय सीमा में चुनाव कराने का निर्णय लिया।

दूसरा प्रस्ताव सर्वसम्मति  से लिया गया कि, बिश्नोई महासभा के संविधान में जो “संरक्षक पद,” शब्द है, उस शब्द को डिलीट किया जाता है,।

दूसरा शब्द “बिश्नोई रत्न ” कुलदीप बिश्नोई, शब्द का भी विलोपन गया।

आज की आपातकालीन बैठक में पूर्व के घटनाक्रम का संपूर्ण रूप से पटाक्षेप हो गया।

देवेंद्र बुढ़िया ने, मंच पर उपस्थित परशुराम जी का,  बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार प्रकट किया।

आपको बता दें, कि, परशुराम जी ने  बड़ा दिल दिखा कर, कुलदीप बिश्नोई द्वारा जारी पत्र में, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पद को न लेकर, समाज की एकता के हित में, पद के लालच में न आकर, बहुत बड़ा त्याग किया।

और आम समाज की भावना के साथ जुड़े रहे।।

परशुराम जी के त्याग और समर्पण को देखकर,  समाज में उनका कद, पहले से बहुत ज्यादा बढ़ गया।।

आपस में फैलाई गई फ़ूट एव भ्रांति को घटित नहीं होने दिया। एवं समाज की एकता को कायम रखा।

जिससे संपूर्ण समाज आज चुनाव प्रक्रिया का, यह निर्णय ले पाया है।।

स्वर्गीय. श्री भजनलाल चौधरी एवं स्वर्गीय. श्री राम सिंह जी बिश्नोई का समाज के लिए अमूल्य योगदान है।।

, “श्री परशुराम जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि  समाज जहां है, वहां श्री स्वर्गीय राम सिंह जी का परिवार पहले भी था और आगे भी रहेगा।

समाज के आपातकालीन बैठक में  और भी कई प्रस्ताव पारित किए गए, इसमें यह कहा गया कि बिश्नोई समाज का अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का प्रधान अपने आप में प्रथम नागरिक है।

प्रधान  पद के साथ किए गए व्यवहार को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। एवं ऐसे लोगों को खामियाजा, उठाना पड़ेगा।

समाज के पद की मर्यादा को देखते हुए आगे से पदाधिकारियों को पदानुकूल व्यवहार करने की हिदायत भी दी गई। कि समाज में गुरु जंभेश्वर भगवान से बड़ा कोई नहीं है। और बिश्नोई प्रधान को गुरु जंभेश्वर भगवान के चरणों में नमन करना है इसके अलावा व्यक्तिगत परिस्थिति में समाज के नाम पर समझौता नहीं करना है।।

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