Kuldeep bishnoi ne mange 10karod.devendra budiya

Kuldeep bishnoi ne mange 10karod.devendra budiya कुलदीप बिश्नोई ने अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बुढ़िया से 10 करोड रुपए मांगे।

10 करोड़ नहीं देने पर अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव बनाया।

कल जोधपुर में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा  के प्रधान देवेंद्र   BUDIYA ने एक सभा का आयोजन किया।

 उसमें उन्होंने अपनी बात समाज के सामने रखने की बात कही।

आगे उन्होंने बताया कि कुलदीप बिश्नोई ने मेरे से भव्य के चुनाव में 10 करोड रुपए की मांग की।

जो कि मैं नहीं दे पाया इस बात से कुलदीप जी खफा हो गया।

 उन्होंने बताया की आप जो भी काम करते हो उसमें सबसे पहले मेरा नाम यानी कुलदीप बिश्नोई का  और यदि मेरा नाम नहीं लिया तो आपको प्रधानी पद से इस्तीफा देना होगा।

इस प्रकार समाज के सामने उन्होंने यह मुद्दा उठाया है।

 अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान ने आज बिश्नोई महासभा की मीटिंग मुकाम में  बुलाई है।

इसमें उन्होंने कहा कि मेरे साथ जो बुरा बर्ताव दिल्ली में किया गया है, उस दुर्व्यवहार का समाज न्याय    दिलाए।

दूसरी बात उन्होंने कही कि मुकाम  मीटिंग में समाज द्वारा जो निर्णय लिया जाएगा, वह निर्णय मेरे लिए सर्वोपरि होगा।

इसी परिपेक्ष में कल शाम को कुलदीप बिश्नोई ने एक पत्र जारी किया।

जिसमें उन्होंने देवेंद्र बुढ़िया को पदमुक्त करने एवं स्वर्गीय श्री राम सिंह जी के पुत्र परशराम जी को अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया।

उन्होंने इस पत्र में देवेंद्र बुढ़िया के ऊपर आरोप लगाया और उनकी शिकायतों का विवरण दिया।

पांच सदस्य कमेटी गठन करके  बिश्नोई महासभा की कार्यकारिणी के चुनाव का ड्राफ्ट तैयार करेगी।

और देवेंद्र जी बुढ़िया की अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के कार्यकाल में टेंडर की प्रक्रिया और कार्यों की जांच करेंगे।

इन सब बातों के बीच में समाज एवं सभी पदाधिकारी चाहते हैं कि कार्यकारिणी का निष्पक्ष चुनाव हो।

देवेंद्र जी से समाज जानना चाहता है की कुलदीप बिश्नोई को आपने कितने पैसे दिए और क्यों दिए।

दूसरी बात कुलदीप बिश्नोई के कहने पर समाज के खिलाफ कितने कार्य किया।

इन बातों से यह निकल कर आता है कि देवेंद्र जी  किनके इशारों पर काम कर रहे थे,।

जब कुलदीप की मांगों को पूरा नहीं कर पाए तो उन्होंने इस्तीफा मांग लिया।

क्या बिश्नोई महासभा का पद कुलदीप जी के स्वार्थ सिद्ध करने के लिए है।

नए घटनाक्रम में कुलदीप बिश्नोई ने परशराम जी को अध्यक्ष बनाकर एक नई बहस को जन्म दे दिया।

बिश्नोई महासभा के चुनाव होने चाहिए या नहीं होने चाहिए।

दूसरी बात जब मनोनीत अध्यक्ष कार्य कर रहा है तो नए अध्यक्ष को मनोनीत क्यों किया गया।

तीसरी बात कुलदीप बिश्नोई, समाज के सामने आकर, देवेंद्र BUDIYA द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दें।

बिश्नोई समाज असमंजस की स्थिति में है, क्योंकि एक तरफ देवेंद्र जी एक पत्र जारी करते हैं जिसमें फरवरी 2024 को संरक्षक पद समाप्त करने की बात कही गई है।

जबकि इस शाम कुलदीप बिश्नोई द्वारा जारी पत्र में देवेंद्र जी को पद मुक्त कर दिया।

नए  प्रधान परशराम जी को मनोनीत किया गया।

अब देखने वाली बात यह है कि आज मुकाम मीटिंग में सारी चीज खुलकर आएगी।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र जी बुढ़िया को आज बिश्नोई महासभा की मीटिंग में पूरा ब्यौरा देते हुए बताना चाहिए, कि कुलदीप ने समाज के पैसों का दुरुपयोग किस प्रकार किया, और कहां-कहां किया, उसका ऑडिट होना चाहिए।

दूसरी बात समाज की राजनीति में कितना दखल दिया। और क्यों दिया गया।

किन ताक़तों के दबाव पर दिया गया।

इसका भी जवाब देना चाहिए।

समाज के द्वारा बार-बार आंदोलन और धरना दिए जा रहे हैं., उन धरना प्रदर्शन को स्थगित करने, और उन्हें दबाने का काम कौन कर रहा है।

इसका जवाब भी देवेन्द्र जी साहब को देना चाहिए।

ताकि समाज जान सके कि समाज की ऊर्जा मेहनत जो पर्यावरण संरक्षण में, जीव संरक्षण में युवा लग रहे हैं, उनकी मेहनत बेकार जा रही है। और सरकार जब पूरा कानून बनाने के मानस बनाती है, तब आंदोलन को स्थगित कर दिया जाता है।

इस प्रकार के स्थिति से निपटने के लिए आज बुढ़िया साहब को सारी बातें क्लियर करनी चाहिए और समाज के अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए।

5 thoughts on “Kuldeep bishnoi ne mange 10karod.devendra budiya”

  1. समाज के लिए यह जरूरी है कि युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाना है.

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