Bharat me Road accident ek gambhir chunoutiy

Bharat me Road accident ek gambhir chunouti भारत में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतें गंभीर समस्या है।.

हाल ही में  बहुत सारे समाचार सुने हैं, जिनमें रोड एक्सीडेंट से अचानक अकाल मृत्यु को लोग प्राप्त हो रहे हैं। कल का ताजा उदाहरण अहमदाबाद से पेशेंट को एंबुलेंस से जाते समय जोधपुर के पास हाईवे पर, एंबुलेंस की किसी जानवर से टक्कर हो गई, इस वजह से सामने से दूसरी एंबुलेंस को बुलाकर पेशेंट को उसमें शिफ्ट किया जा रहा था। इस दरमियान पीछे से आने वाले एक डंपर ने जोर से टक्कर मार कर चार लोगों की जान ले ली।

यह अखबार की न्यूज़ बहुत ही डरावनी लगती है। ,और इस प्रकार के समाचार हम रोज पढ़ते हैं। सड़क दुर्घटनाएं आज के समय में मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।

हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान जान गवाते  हैं। और उससे कई गुना अधिक घायल होते हैं, य़ह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

यदि किसी के साथ इतना बड़ा हादसा होता  है., तो उस पूरे परिवार के ऊपर संकट आ जाता है। परिवार का जो सहारा होता  है. वह भी चला जाता है तो परिवार के ऊपर आर्थिक संकट और दुख का पहाड आ जाता है,।

एक्सीडेंट  एक बहुत बड़ी चुनौती है। जिससे एक साथ चार लोगों  के जीवन उजाड़ दिया। उनमे जान गंवाने वाले लोगों में से किसी का बेटा था, किसी की मां थी, किसी की बहन, किसी का पिता और कोई पति था। इस प्रकार कई परिवारों में आग लग गई और संकट के बादल छा गए छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए और पीछे एक दुख का लंबा सागर छोड़कर चले गए ।

इस प्रकार की घटनाओं के बारे में हमें सोचना चाहिए ,मंथन करना चाहिए ताकि बार-बार एक्सीडेंट से इतने बड़े पैमाने पर जान माल की हानि नहीं हो।

एक्सीडेंट का सिलसिला नहीं रुके तो यह  कहां जाकर रुकेगा। एक अनुमान के मुताबिक जितनी जाने महामारी में नहीं जाती हैं, लगभग इस आंकड़ों के आसपास एक्सीडेंट में जीवन खो देते हैं

एक्सीडेंट बहुत ही  भयानक होता है।

जीवन की कीमत उस व्यक्ति को पता चलती है जिसने अपनों को खोया है।

सड़क दुर्घटनाओं के आंकडे.

*राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो एनसीआरबी के अनुसार 2021 में भारत में लगभग 4.12 लाख सड़क दुर्घटना हुई जिनमें 1. 53 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई. 

*इसी प्रकार के आंकड़े 2022 में भी देखने में आए।

 

* 2023 में भारत में सड़क दुर्घटना में लगभग चार लाख 80 हजार 583 सड़क दुर्घटना हुई। जो 2022 की तुलना में 4.2% अधिक है। इनमें  लगभग 1, 72, 890 लोगों की जान गई।

* दैनिक औसत के हिसाब से लगभग 474 लोग सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिदिन मारे गए। यानी लगभग हर तीन मिनट में एक मौत हुई।.

*हर घंटे औसतन 20 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए।

 

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वैश्विक परिदृश्य में सड़क दुर्घटना.

विश्व स्वास्थ्य संगठन  WHO के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 13 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष मारे जाते हैं ।

* सड़क दुर्घटनाओं में  मरने वाले लोगों की औसत आयु 15 से 44 वर्ष की मानी गई।

**क्या अंतर है विकसित और विकासशील देशों में रोड एक्सीडेंट का?

विकसित देशों में जैसे अमेरिका, जापान, और यूरोप के देशों में सड़क दुर्घटनाओं की दर कम है. क्योंकि वहां के ट्रैफिक कानून कठोर हैं और सड़क बुनियादी ढांचा बेहतर है।

विकासशील देश भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया ,में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या अधिक है,  क्योंकि वहां यातायात नियमों का पालन कम होता है, और सड़क असुरक्षित होती है।

विकसित और विकासशील देशों में रोड एक्सीडेंट के अंतर का क्या कारण है?

 

जहां विकसित देशों में तेज गति (ओवर स्पीडिंग) और शराब पीकर गाड़ी चलाना दुर्घटना का मुख्य कारण है.

* वही विकासशील देशों में खराब सड़क और ओवरलोड वाहन, हेलमेट और सीट बेल्ट का ध्यान नहीं रखना आदि मुख्य कारण है।

 

मुख्यतः सभी प्रकार के देशों में लापरवाही, जल्दबाजी और यातायात नियमों का पूर्णता अनदेखा करना एक्सीडेंट का मुख्य कारण माना जा सकता है।

बिंदुवार सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारण-

खराब यातायात प्रबंधन, अत्यधिक गति, यातायात नियमों का पालन न करना, शराब पीकर गाड़ी चलाना और गाड़ियों के फिटनेस का अनदेखा करना एक्सीडेंट के प्रमुख कर्म में से मुख्य हैं। 

सड़कों पर भारी वाहनों और छोटे वाहनों के लिए एक ही सड़क होना। भारी वाहनों का छोटे वाहनों को टक्कर मारना आम है। जिससे जान माल का बहुत नुकसान होता है।

 

एक्सीडेंट को रोकने के समाधान और सुझाव-

* यातायात नियमों का सख्ती से पालन नहीं करने वाले वाहन मालिकों को दंड देना। एवं ड्राइवर की जिम्मेदारी तय करना। जिसमें उसकी भूमिका संदिग्ध लगने पर उसे दंड निश्चित रूप से दिया जाए। ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही करने से पहले ड्राइवर को डर लगे।

अलग-अलग राज्यों की सड़क व्यवस्थाओं का अध्ययन करके समुचित भारत में नियम एक समान लागू किया जाए। जहां बहुत कम एक्सीडेंट हो उनको सम्मानित किया जाए। और जिन इलाकों में ज्यादा एक्सीडेंट हो उनका रखरखाव और बंदोबस्त किया जाए।

 

हाईवेज पर उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाए।

जगह-जगह सीसी टीवी कैमरा लगाया जाए।

प्रत्येक मोड, जंप, बोर्ड को हाईलाइट किया जाए।

समय-समय पर बोर्ड का रंग रोगन करें और सड़क की रखरखाव सुनिश्चित करें।

 

सड़क दुर्घटनाओं में जान गवाने वाले लोगों को मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार को सरकार द्वारा संबल प्रदान किया जाए ताकि उनके जीवन यापन को सरल बनाया जा सके। परिवार पर आए संकट को सहन करने की शक्ति आ सके।

 

निष्कर्ष. रूप में यह कहा जा सकता है कि स्टेट रोडवेज एव नेशनल राष्ट्रीय मार्ग को जीवन बचाने एवं सुगम यातायात का साधन बनाने का संकल्प लिया जाए।

जहां से एक्सीडेंट होता है उसके मूल में किसी न किसी प्रकार की कोई कमी होती है।

यातायात हेतु अन्य वाहनों का उपयोग कर समुचित वाहनों का उपयोग नहीं करना।

समुचित यातायात  वाहन का उपयोग नहीं करने से घटनाकरित होती है।

गाड़ियों के इंश्योरेंस के साथ-साथ सरकार को मनुष्य जीवन का भी बीमा सुनिश्चित करना चाहिए। और जीवन की हानि होने वाले के परिवार की सुरक्षा गारंटी दें।

आवागमन सरल हो, सरकारी आवागमन के साधनों का विस्तार हो। समय अनुसार सरकार को सुविधाओं में बदलाव लाने, संसाधनों का नए तरीके से उन्नत तकनीक के साथ उपयोग करने, का प्रबंध करना चाहिए, ताकि और घटना हो जाने पर जान माल की हानि कम से कम हो।

राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य राजमार्गों पर जगह-जगह टोल  के आसपास ट्रॉमा सेंटर की सुविधा सुनिश्चित हो, ताकि तुरंत होने वाली घटनाओं से जान माल की सुरक्षा की जा सके।

सीसीटीवी कैमरा में कैद लापरवाही पूरक वाहन चालकों को Bharat me Road accident ek gambhir chunoutiy चिन्हित किया जाए और ऐसे ड्राइवर तथा वाहनों को प्रतिबंधित किया जाए।

 

 

 

 

 

 

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