Bhinmal ke niji aspatal ka mamla: surgery me laparvahi ya Kuch or

भीनमाल के निजी अस्पताल में सर्जरी में लापरवाही का मामलाः कांटा सर्जरी के बावजूद शरीर में ही रह गया

Bhinmal ke niji aspatal ka mamla: surgery me laparvahi ya Kuch or

भीनमाल के एक निजी अस्पताल में 1 महीने पहले एक युवक की सर्जरी के दौरान लापरवाही का मामला सामने आया।

मोटरसाइकिल चलाते समय युवक के चेस्ट के दाहिने हिस्से में खेजड़ी का एक इंच लंबा कांटा घुस गया, जिससे खून बहने और भयंकर दर्द होने लगा।

स्थिति को देखते हुए परिजन युवक को निजी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने सर्जरी की सलाह दी।

 

सर्जरी का विवरण

युवक जगदीश ने बताया कि आप मेरी व्यथा समझिए और जो पीडा झेली है उसको मैं ब्यान नहीं कर सकता हू।

डॉक्टर ने परिजनों को आश्वासन दिया कि सर्जरी सुरक्षित रहेगी।

परिजनों ने भरोसा जताते हुए तुरंत सर्जरी के लिए हामी भर दी।

सर्जरी के बाद डॉक्टर ने बताया कि कांटा निकाल दिया गया है।

परिजनों ने डॉक्टर की बात मानते हुए अस्पताल का बिल भर दिया और युवक को घर ले आए।

घाव का न भरना और मवाद का रिसाव

Bhinmal ke niji aspatal ka mamla: surgery me laparvahi ya Kuch or

सर्जरी के बाद भी युवक के घाव ठीक नहीं हुए। कुछ दिनों बाद घाव से मवाद और दर्द बढ़ने लगा।

युवक ने इसकी जानकारी अपने पिता को दी, जिन्होंने शुरुआत में इसे सामान्य माना।

डॉक्टर द्वारा लगाए गए टांकों को लेकर भी आश्वासन दिया गया कि यह ठीक हो जाएगा। लेकिन स्थिति बिगड़ती गई, और घाव से रस्सी जैसी चीज बाहर आने लगी।

 

कांटे का फिर से निकलना

 

जब परिजनों ने युवक को दोबारा चेक करवाया, तो पता चला कि कांटा अब भी शरीर के अंदर फंसा हुआ है।

मेडिकल स्टाफ ने उपकरण की मदद से कांटे को बाहर निकाला, जो 2 सेंटीमीटर से अधिक लंबा था।

यह देखकर परिजन स्तब्ध रह गए कि सर्जरी के दौरान कांटा वास्तव में नहीं निकाला गया था।

भविष्य के खतरे और सवाल

 

1. सर्जरी के बावजूद कांटा शरीर में कैसे रह गया?

 

2. क्या यह डॉक्टर की लापरवाही थी, या मेडिकल प्रक्रिया में कोई कमी रह गई?

 

3. इस लापरवाही से भविष्य में संक्रमण और अन्य गंभीर समस्याओं का खतरा हो सकता था।

 

4. क्या मरीज के प्रति डॉक्टर ने अपनी जिम्मेदारी को सही से निभाया ?

 

परिजनों की प्रतिक्रिया

 

कांटा निकालने के बाद युवक और उसके परिजन को थोड़ी राहत मिली, लेकिन इस घटना ने डॉक्टर और अस्पताल की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

निष्कर्ष

 

इस घटना ने मेडिकल सिस्टम में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के महत्व को उजागर किया है।

डॉक्टर को चाहिए कि सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं में सतर्कता और ईमानदारी बरतें ताकि मरीजों का विश्वास बना रहे।

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