Khoya huaa gahna vaps lotakr imandari ka parichy diya खोया हुआ गहना वापस लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया.
ईमानदारी की मिसाल: सोने के गहने लौटाकर पेश की इंसानियत की अनोखी कहानी
*सेडियां से सरनाऊ रोड़ पर लगभग 6/7 तोला गहना एक थैली में मिला था! जो बाबूलाल सगरू जी खीचड़ नारायण पुरा सेडिया को मिला। जिन्होंने ईमानदारी का परिचय दिया और गंगाराम गोदारा की दुकान पर दे दिया था। , और मांगीलाल सुज़मल जी सियाक को वापस कर दिया बहुत बहुत धन्यवाद ईमानदारी का परिचय देने पर*.।
आज के दौर में, जब ईमानदारी के उदाहरण कम मिलते हैं, बाबूलाल ने अपनी सच्चाई और नैतिकता से सबका दिल जीत लिया।
हाल ही में सेडीया से सरनाऊ रोड पर बाबूलाल को सड़क पर सोने के कीमती गहने पड़े हुए मिले। गहनों की कीमत इतनी थी कि कोई और होता तो शायद लालच में आकर उन्हें अपने पास रख लेता। लेकिन बाबूलाल ने ऐसा नहीं किया।
गहने मिलने के बाद उन्होंने फौरन उनके असली मालिक को खोजने का निश्चय किया। उन्होंने यह गहना एक दुकान पर लौटा दिया। उन्हें मांगीलाल का पता चला। मांगी लाल ने इन्हें पहचानने और लेने के लिए अपनी जानकारी सार्वजनिक की थी। गंगाराम ने उनसे संपर्क किया और गहने बिना किसी क्षतिपूर्ति की उम्मीद के लौटा दिए।
गहनों के मालिक मांगी लाल ने भावुक होकर कहा, “मैंने उम्मीद छोड़ दी थी कि मुझे मेरे गहने वापस मिलेंगे। लेकिन बाबूलाल ने न केवल मुझे मेरे गहने लौटाए बल्कि यह भरोसा भी दिलाया कि अच्छाई आज भी जिंदा है।”
यह घटना समाज को यह सिखाती है कि ईमानदारी केवल एक गुण नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और मजबूत करने का साधन है।बाबूलाल खींचड़ का यह कदम हमें यह प्रेरणा देता है कि जब भी हमें किसी की खोई हुई चीज मिले, तो उसे उसके मालिक तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है।
ऐसी घटनाएँ आज के समाज में एक नई ऊर्जा और विश्वास भरती हैं। ईमानदारी का यह छोटा-सा कदम दूसरों के लिए एक बड़ी मिसाल बन सकता है।
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बाबूलाल ने ईमानदारी का परिचय देते हुए गहने वापस लोटा रहे हैं।.
आज भी ईमानदारी जिंदा है और यह नैतिकता का भी संदेश देता है कि मेहनत और ईमानदारी की कमाई काम आती है। जो कमाई अपनी है वही हमें फायदा पहुंचती है
यह वीडियो और समाचार सोशल मीडिया से लिया गया है एवं इसकी पुष्टि गवर्नमेंट जॉब सिख नहीं कर रहा हमारा उद्देश्य समाज में ईमानदारी का संदेश देना.।