Rajasthan sarkar ki cabinet ke bade fesle
राजस्थान कैबिनेट के बड़े फैसले: धर्मांतरण विरोधी कानून, भर्ती सुधार, और भूमि रूपांतरण में संशोधन
राजस्थान सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में कई ऐतिहासिक और जनहितकारी फैसले लिए। इनमें धर्मांतरण विरोधी कानून, भर्ती प्रक्रिया में सुधार, विकास प्राधिकरणों की स्थापना और अनुसूचित जाति (एससी) भूमि रूपांतरण में महत्वपूर्ण संशोधन शामिल हैं।
धर्मांतरण विरोधी कानून को मंजूरी
राज्य में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून को मंजूरी दी।
सजा का प्रावधान: गैरकानूनी धर्मांतरण के लिए 10 साल तक की सजा।
सूचना अनिवार्यता: धर्म परिवर्तन करने वालों को 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचित करना होगा।
बजट सत्र में पेश: यह प्रस्ताव आगामी बजट सत्र में कानून के रूप में लागू किया जाएगा।
भर्ती प्रक्रिया में सुधार
भर्ती नियमों में बदलाव कर योग्य उम्मीदवारों को अधिक अवसर प्रदान किए गए हैं।
1. RACऔर कांस्टेबल भर्ती: अब न्यूनतम योग्यता 12वीं पास अनिवार्य होगी।
2. मेवाड़ भील कोर: कांस्टेबल पद के लिए भी 12वीं पास योग्यता लागू।
3. नियमों में संशोधन: कैबिनेट ने इन परिवर्तनों के लिए भर्ती नियमों में संशोधन को मंजूरी दी।
राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1995 की धारा 42 में संशोध
राजस्थान सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) की भूमि की खरीद-बिक्री और उपयोग से संबंधित नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
पहले की व्यवस्था: राजस्थान टेनेंसी एक्ट 1995 की धारा 42 के तहत अनुसूचित जाति के व्यक्ति की भूमि केवल अनुसूचित जाति का व्यक्ति ही खरीद सकता था।
कमर्शियल उपयोग: कन्वर्जन के बाद, भूमि का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा।
उद्देश्य: अनुसूचित जाति के भूमि स्वामियों को उनकी भूमि का उचित बाजार मूल्य दिलाना और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना।
नए विकास प्राधिकरणों की स्थापना
भरतपुर और बीकानेर में क्षेत्रीय विकास को गति देने के लिए नए विकास प्राधिकरणों की स्थापना की गई है।
ये प्राधिकरण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाबद्ध विकास सुनिश्चित करेंगे।
सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन
कैबिनेट ने सातवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया, जो 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक कार्य करेगा।
आयोग राज्य के वित्तीय संसाधनों के समुचित प्रबंधन और उपयोग पर सिफारिशें करेगा।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार के ये फैसले प्रदेश के विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं।
धर्मांतरण विरोधी कानून नागरिकों में सुरक्षा की भावना को मजबूत करेगा।
भर्ती प्रक्रिया में सुधार युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा।
भूमि रूपांतरण और अनुसूचित जाति की भूमि पर नए नियम उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और उन्हें सशक्त बनाने में मदद करेंगे।
नए विकास प्राधिकरण क्षेत्रीय समृद्धि को बढ़ावा देंगे।
खेमराज समिति की सिफारिशें:
राज्य सरकार ने खेमराज समिति की सिफारिशों के तहत कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने, वेतन सुधार और अतिरिक्त पदोन्नति के अवसर प्रदान करने को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ये सुधार 1 सितंबर 2024 से लागू होंगे।
MSME नीति-2024:
राजस्थान MSME नीति-2024 छोटे उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाएगी। इसमें वित्तीय सहायता, उन्नत तकनीक और सॉफ्टवेयर पर अनुदान, ई-कॉमर्स फीस पुनर्भरण, और गुणवत्ता सर्टिफिकेशन पर सहायता का प्रावधान है।
निर्यात संवर्धन नीति-2024:
राज्य सरकार का लक्ष्य 5 वर्षों में 1.50 लाख करोड़ रुपए निर्यात वृद्धि का है। नीति में दस्तावेजीकरण, तकनीकी उन्नयन, और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के लिए अनुदान जैसे प्रावधान शामिल हैं।
ODOP नीति-2024:
“एक जिला एक उत्पाद” नीति से स्थानीय शिल्प, कारीगरों और किसानों की आय बढ़ेगी। इसमें नई सूक्ष्म और लघु इकाइयों को मार्जिन मनी सहायता, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर अनुदान और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
क्लस्टर विकास योजना:
हस्तशिल्प, हथकरघा और MSME क्लस्टर्स के विकास के लिए योजना में प्रशिक्षण, कच्चे माल की आपूर्ति, उत्पादन, और उत्पाद टेस्टिंग के लिए सहायता दी जाएगी। 50 लाख रुपए तक की सहायता
का प्रावधान है।
राजस्थान सरकार की नवीन नीतियों का सारांश
1. ई-कॉमर्स और उद्योग सहायता
विक्रय सहायता: ई-कॉमर्स के लिए 50,000 रुपये तक।
सीएफसी स्थापना: क्लस्टर्स के लिए 10 करोड़ की परियोजनाओं पर 90% (गैर-रीको क्षेत्रों में 80%) अनुदान।
औद्योगिक पार्क: गैर-रीको क्षेत्रों में 10 एकड़ भूमि पर 60% या अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक सहायता।
2. AVGC-XR नीति 2024
स्थानीय प्रतिभाओं के लिए एनिमेशन, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी को बढ़ावा।
एनिमेशन फिल्मों, गेम्स और कॉमिक्स के लिए उत्पादन अनुदान।
स्टार्टअप्स और नवाचार को प्रोत्साहन, अटल इनोवेशन स्टूडियो और उन्नत लैब्स की स्थापना।
3. पर्यटन नीति 2024
नई इकाइयों में इको-टूरिज्म, फिल्म सिटी, हेरिटेज रेस्टोरेंट, प्ले जोन, पर्यटन विलेज आदि शामिल।
100 करोड़ रुपये के निवेश पर सरकारी भूमि आवंटन।
स्टाम्प ड्यूटी, कन्वर्जन और डेवलपमेंट चार्ज में छूट।
हेरिटेज होटलों और लक्जरी कोचों को विशेष रियायतें।
4. अक्षय ऊर्जा नीति 2024
2030 तक 125 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य।
फ्लोटिंग, रिजर्वायर और कैनाल टॉप सौर परियोजनाओं को प्रोत्साहन।
पम्प स्टोरेज, बैटरी ऊर्जा भंडारण और छोटी जल विद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा।
10 मेगावाट तक की परियोजनाओं के पंजीकरण शुल्क में कमी।
ये नीतियां उद्योग, पर्यटन, नवाचार और ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक प्रगति सुनिश्चित करेंगी।
राजस्थान सरकार की नई नीतियों का सारांश
1. अक्षय ऊर्जा नीति-2024
5% क्षमता का ऊर्जा भंडारण संयंत्र अनिवार्य।
2030 तक 2000 केटीपीए ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन हेतु ग्रीन हाइड्रोजन वेली की स्थापना।
1 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण इकाइयों का लक्ष्य।
बीईएसएस और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को RIPs-2024 के तहत लाभ व छूट।
2. खनिज नीति-2024
खनन उद्योगों में निजी भागीदारी बढ़ाने और ब्लॉक्स की पारदर्शी नीलामी।
जनजातीय क्षेत्रों में बिड सिक्योरिटी में 50% कमी।
अवैध खनन पर रोक के लिए जीपीएस ट्रैकिंग, जियो-फेसिंग और आरएफआईडी चेकपोस्ट।
बजरी खनन में पारदर्शिता के लिए सेण्ड पोर्टल और मिनरल डायरेक्ट्री।
खनन उद्योगों को RIPs-2024 के लाभ।
3. एम-सेण्ड नीति-2024
एम-सेण्ड को बजरी का सस्ता विकल्प बनाने पर जोर।
अनुभव, नेटवर्थ और टर्नओवर की बाध्यता समाप्त।
रॉयल्टी में कमी और प्लॉट आवंटन के नियम सरल।
सरकारी निर्माण कार्यों में 25% एम-सेण्ड का उपयोग अनिवार्य।
एम-सेण्ड इकाइयों को RIPs-2024 के लाभ।
4. 7वें राज्य वित्त आयोग का गठन
पंचायती राज संस्थाओं व नगरपालिकाओं के लिए 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक की अवधि के लिए गठित।
5. पीएचईडी में वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक पद पर संशोधन
अनुभव की बाध्यता समाप्त, भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी।
25% पद सीधी भर्ती और 75% पद पदोन्नति से भरे जाएंगे (पहले 50-50%)।
6. आयुष विभाग में भर्ती प्रक्रिया में सुधार
आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी के पदों पर अब RPSC के माध्यम से भर्ती।
ये नीतियां राज्य के औद्योगिक, पर्यावरणीय, खनन और प्रशासनिक सुधारों को नया आयाम देंगी।
राजस्थान सरकार की नई घोषणाओं का सारांश
1. आयुष विभाग में भर्ती प्रक्रिया
आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी पदों पर अब RPSC के माध्यम से भर्ती।
शैक्षणिक योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया में सुधार।
2. आरएसी और एमबीसी कांस्टेबल भर्ती
शैक्षणिक योग्यता को सीनियर सैकेंडरी तक बढ़ाया गया।
राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 में संशोधन को मंजूरी।
3. भूजल विभाग में पदोन्नति समिति संशोधन
विभागीय पदोन्नति समिति में उप सचिव, कृषि विभाग के स्थान पर उप सचिव, भूजल विभाग को शामिल किया गया।
4. संविदा सेवा नियम संशोधन
संविदा कर्मियों को वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई या 1 जनवरी को दी जाएगी।
संविदा कर्मचारियों को पहले वर्ष में ही वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।
5. एनटीटी अध्यापक कैडर का समावेशन
राजस्थान शिक्षा सेवा नियम-2021 में पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक (एनटीटी) का समावेश।
सीधी भर्ती के तहत सभी पद भरे जाएंगे।
अनुभव आधारित पदोन्नति के प्रावधान: ग्रेड-2, ग्रेड-1 और वरिष्ठ अध्यापक।
6. लैंड कन्वर्जन रूल्स-2007 में संशोधन
एससी-एसटी काश्तकारों को सोलर और विंड पावर प्रोजेक्ट के लिए भूमि लीज पर देने की अनुमति।
स्वघोषणा के आधार पर पहुंच मार्ग की अनिवार्यता समाप्त।
कन्वर्जन शुल्क में छूट का प्रावधान।
ये संशोधन राज्य में शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, और भूमि उपयोग में सु
धार लाने के साथ प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल बनाएंगे।
राजस्थान सरकार की नई घोषणाओं का सारांश
1. सीमा सड़क निर्माण के लिए भूमि आवंटन
जैसलमेर जिले में भारत-पाक सीमा पर लेटरल सड़क के निर्माण के लिए 282.15 हेक्टेयर भूमि आवंटन।
यह भूमि 23 सीमावर्ती राजस्व ग्रामों में दी जाएगी।
सड़क का निर्माण सामरिक महत्व के तहत बॉर्डर निगरानी को सुदृढ़ करेगा।
2. किशनगढ़ (अजमेर) में ईएसआईसी अस्पताल
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के लिए 100 बेड का अस्पताल स्थापित होगा।
निशुल्क भूमि आवंटन: किशनगढ़ बी राजस्व ग्राम में 20,300 वर्गमीटर।
3. मेट्रो परियोजनाओं के लिए नई संयुक्त उद्यम (JV)
मेट्रो रेल विकास हेतु केंद्र और राज्य सरकार के बीच 50-50 साझा संयुक्त उद्यम।
नई JV कंपनी सभी निर्माणाधीन और भविष्य की मेट्रो परियोजनाओं के निर्माण, संचालन, और रखरखाव का कार्यभार संभालेगी।
राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को अनुमोदित कर केंद्र को विस्तृत योजना भेजने की सहमति दी।
ये कदम राज्य की सामरिक, स्वास्थ्य, और शहरी परिवहन व्यवस्था
को और मजबूती प्रदान करेंगे।